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लोधा थाने से फरार हुए आरोपित इसरार के फरार होने के बाद एक तरफ पुलिस मामले की लीपापोती में लगी है तो दूसरी तरफ कई टीमें उसे तलाश कर रही हैं। पुलिस लूट के अन्य आरोपितों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी तब इसरार थाने के बाहर था।
पुलिस लूट के अन्य आरोपितों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी, तब इसरार थाने के बाहर था।
अलीगढ़, लोधा थाने से फरार हुए आरोपित इसरार के फरार होने के बाद एक तरफ पुलिस मामले की लीपापोती में लगी है तो दूसरी तरफ कई टीमें उसे तलाश कर रही हैं। पुलिस लूट के अन्य आरोपितों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी, तब इसरार थाने के बाहर था। वहां पीड़ित से समझौता करने के भी प्रयास कर रहा था। जब पुलिस की नजर उस पर पड़ी तो भागने लगा। तभी सिपाही ने उसे पकड़ लिया। इसके बावजूद पुलिस ने गंभीरता नहीं बरती, जिसके चलते आरोपित रात में मुंशी और होमगार्ड को चकमा दे गया।
पुलिस की कहानी में झोल
मुल्जिम इसरार के फरार होने के बाद पुलिस की कहानी में कई झोल हैं। पुलिस का कहना है कि सिर्फ बयान दर्ज कराने के लिए इसरार को बुलाया गया? था। लेकिन, सवाल है कि बयान के लिए उसे पूरा दिन रखने के बाद रात में क्यों रोका गया? हथकड़ी भी लगाई गई थी। हालांकि पुलिस ने हथकड़ी से इन्कार किया है। सूत्रों के मुताबिक, इसरार को गुरुवार को जेल भेजने की पूरी तैयारी थी। इसीलिए उसके भागने के बाद से पुलिस चिकरघिन्नी बनी हुई है। आरोपित की तलाश में हरदुआगंज के जलाली स्थित उसकी ससुराल, रोरावर व देहलीगेट थाना क्षेत्र के कई इलाकों में दबिश दी गई। यहीं नहीं, आरोपित के मां-बाप समेत अन्य स्वजन को भी पुलिस उठाकर थाने ले आई। इसके अलावा कई लोगों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर भी लगाए गए हैं।
लाल शर्ट वाले ने की थी मारपीट
पीड़ित मनोज ने कहा लूट के दौरान दो युवकों ने उससे मारपीट की थी। इनमें एक ने लाल शर्ट पहन रखी थी। वही युवक बुधवार सुबह उससे समझौते की बात कर रहा था। लेकिन, पुलिस ने उसे पकड़कर हवालात में डाल दिया। मनोज का आरोप है कि चार अन्य महिलाएं भी थीं, जिन पर शांतिभंग में कार्रवाई करके पुलिस ने खानापूर्ति की है।
मीडिया को रोका, बात भी नहीं की
आरोपी फरार होने के बाद मीडियाकर्मियों को थाने में प्रवेश नहीं होने दिया गया। मीडिया को थाने के बाहर से भी हटाने के प्रयास किए गए। पुलिस ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
थाने की सुरक्षा पर खड़े किए सवाल
इस घटना ने थाने की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए हैं। थाने की सुरक्षा एक मुंशी और होमगार्ड के हवाले रहती है। लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब आरोपित ने रैक से अपना सामान भी निकाल ले गया। किसी को भनक तक नहीं लगी। युवक जहां बैठा था, वहीं पास में मालखाना भी है, जहां हथियार भी रखे रहते हैं। इसके बावजूद पुलिस बेपरवाह बनकर सोती रही।