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काल्विन अस्पताल में ब्लड प्रेशर के मरीजों का अब प्रथम तल पर स्थित एनसीडी क्लीनिक में विशेष रूप से इलाज होगा। इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव कार्यक्रम (आइएचसीआइ) की इस अस्पताल में शुरुआत हो गई है। इसमें आने वाले मरीजों का बीपी पासपोर्ट कार्ड बनेगा
काल्विन अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक में अब होगी बीपी की विशेष तौर पर जांच
प्रयागराज, मौजूदा समय में ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। खासतौर पर हाई ब्लड प्रेशऱ से तो हर चौथा शख्स कम या ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में इस बीमारी के इलाज पर अब ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। काल्विन अस्पताल में ब्लड प्रेशर के मरीजों का अब प्रथम तल पर स्थित एनसीडी क्लीनिक में विशेष रूप से इलाज होगा। इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव कार्यक्रम (आइएचसीआइ) की इस अस्पताल में शुरुआत हो गई है। इसमें आने वाले मरीजों का बीपी पासपोर्ट कार्ड बनेगा जिसमें उनकी बीमारी का विवरण होगा और किसी भी सरकारी अस्पताल में उस कार्ड को दिखाकर दवा ले सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि हाई बीपी के रोगियों के लिए यह सेंटर बहुत मददगार साबित हो सकता है।
रोज खानी है ब्लड प्रेशऱ की दवा
दो दिन पहले सीएमओ डा. नानक सरन ने इस क्लीनिक का उद्घाटन किया। पहले दिन 50 मरीज देखे गए। मरीजों को बीपी पासपोर्ट कार्ड दिए गए। सीएमओ ने बताया कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को दवा रोज खाना है और डाक्टर की सलाह के बिना दवा का कोर्स बंद नहीं करना है। समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें। एनसीडी नोडल/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके मिश्रा और विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि डा. ललिता चौहान ने बताया कि बीपी पासपोर्ट कार्ड महत्वपूर्ण है। इसे किसी भी सरकारी अस्पताल में दिखाकर वहां से एक माह की दवा ली जा सकती है। बताया कि उच्च रक्तचाप में लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
30 वर्ष से ज्यादा उम्र तो जरूर कराएं जांच
आइसीएमआर के प्रोजेक्ट टेक्निकल असिस्टेंट राजेश कुमार ने बताया कि इंडिया हाइपरटेंशन इनिशिएटिव कंट्रोल कार्यक्रम के तहत अब 30 वर्ष या उससे अधिक के सभी लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या काल्विन अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक में आकर बीपी की जांच कराना चाहिए। ब्लड प्रेशर 140/90 से ज्यादा होने पर मरीज को पंजीकृत किया जाएगा। उन्हेंं एक माह की दवाएं निश्शुल्क दी जाएंगी।