अब आर्डर बुक कर एडवांस देने के बहाने साइबर ठग उड़ा रहे कारोबारियों के खाते से रकम, जानिए ठगी का लेटेस्ट ट्रेंड

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RGA न्यूज़

 मदद के नाम पर फोन कर पिन ओटीपी या लालच का झांसा देकर लिंक भेज साइबर ठगों द्वारा खाते से रकम उड़ने के मामले आम हैं। हेल्पलाइन नंबर से फोन कर मदद के बहाने साइबर ठगों द्वारा ठगी की बात सामने आई।

अब आर्डर बुक कर एडवांस देने के बहाने साइबर ठग उड़ा रहे कारोबारियों के खाते से रकम

बरेली, मदद के नाम पर फोन कर पिन, ओटीपी या लालच का झांसा देकर लिंक भेज साइबर ठगों द्वारा खाते से रकम उड़ने के मामले आम हैं। हेल्पलाइन नंबर से फोन कर मदद के बहाने साइबर ठगों द्वारा ठगी की बात सामने आई। अब ठगों ने ठगी का एक और पैंतरा अपनाया है। ठगों ने व्यापारियों को सीधे निशाने पर ले लिया है। आर्डर बुक कर एडवांस देने के बहाने साइबर ठग व्यापारियों के खाते से रकम उड़ा रहे हैं। ठगों के इस पैंतरे से साइबर टीम भी हैरान है।

हाल में ही एक ऐसा ही मामला सामने आया। शाहजहांपुर के रहने वाले व्यापारी ने साइबर पुलिस से शिकायत की। बताया कि एक एसी सर्विसिंग के लिए एक युवक का फोन आया। आर्डर बुक होने के लिए सर्विसिंग के लिए मैकेनिक भेज दिया गया। इधर, थोड़ी ही देर में फोन करने वाले ने सर्विस के एवज में आने वाले खर्च का एडवांस लानलाइन भुगतान करने की बात कहकर खाता नंबर मांगा। नंबर देने के उसने खाता चेक करने के बहाने पांच रुपये भेजे।

पांच रुपये आने की जैसे ही बात कही। इसके बाद साइबर ठगों ने व्यापारी के से लाखों रुपये उड़ा दिये। इसके बाद व्यापारी ठग को फोन मिलाता रहा लेकिन, उसने अपना नंबर बंद कर लिया। साइबर एक्सपर्ट अनिल कुमार के मुताबिक, ठगों ने ठगी का यह नया पैंतरा अपनाया है। ठग हेल्पलाइन नंबर के बहाने भी लोगों का खाता साफ कर रहे हैं। ऐसे में गूगल से सीधे हेल्पलाइन नंबर न लें। कंपनी की अधिकृत वेबसाइट से ही हेल्पलाइन नंबर लें। ध्यान रखें की हेल्पलाइन नंबर से कभी भी काल बैक नही आता। यदि काल बैक आए तो समझो वह

डाटा हैक कर फर्जी प्रपत्र के सहारे  खाते उड़ा रहे रकम

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, साइबर ठगों ने ठगी का एक और पैंतरा अपनाया है। रजिस्ट्री के समय व्यक्ति के आधार कार्ड के साथ फिंगर प्रिंट का भी मिलान होता है। साइबर ठग डाटा हैक कर फर्जी आधार कार्ड व नकली फिंगर प्रिंट के सहारे पाश मशीन से लोगों का खाता साफ कर रहे हैं। बरेली में अभी ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं। लखनऊ व अन्य शहरों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

आठ हजार पाने के लिए कस्टमर किया फोन, गवा बैठा 93 हजार

बारादरी के रहने वाले फैसल खां ने बताया कि फोन पे के जरिए उसने एक दोस्त को आठ हजार रुपये भेजे। खाते से पैसे कट गए लेकिन, दोस्त के खाते में पैसे नहीं पहुंचे। इसके बाद उसने गूगल से फोन पे का हेल्पलाइन नंबर लेकर फोन किया। फोन नहीं उठा। थोड़ी देर बाद एक मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाली लड़की ने शिकायत पूछी, इसके बाद सीनियर से बात कराई। बात करने वाले ने फैसल खां से रकम वापस दिलाने के बहाने उसके खाते की पूरी जानकारी ले ली। इसके बाद उसके खाते से 93 हजार रुपये उड़ गए।

साइबर ठगी से बचने का एकमात्र उपाया है जागरूकता। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिसकर्मियों के साथ आमजन को भी जागरूक किया जाएगा। लोग खुद भी सतर्कता बरतें। सजग व सावधान रहें।

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