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RGA न्यूज़
कोरोना वायरस संक्रमण से राहत मिलने पर एक सितंबर से आगरा में कक्षा एक से पांचवीं के स्कूल खोले गए। कोविड-19 प्रोटोकाल का होगा पालन परिषदीय स्कूलों में बिना किताब होगी पढ़ाई। मास्क लगाकर पहुंचे हैं बच्चे। माता पिता के मन में सता रहा डर।
डेढ़ साल के बाद आगरा के एक स्कूल में बुधवार सुबह दाखिल होते बच्चे।
आगरा, बुधवार से कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल भी खुल गए हैं। पांच महीने बाद खुल रहे स्कूलों में विद्यार्थियों का पहला दिन यादगार रहे, इसके लिए खासी तैयारी की गई थीं। निजी स्कूलों में जहां ढ़ोल-नगाड़ों के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहीं परिषदीय विद्यालयों में भी तिलक लगाकर बच्चों को प्रवेश दिया गया।
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प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) बृजराज सिंह ने बताया कि एक सितंबर से कक्षा पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुल गए हैं। सभी परिषदीय स्कूलों में साफ-सफाई कराने के साथ परिसर सैनिटाइज कराने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर हाथ सैनिटाइज कराकर स्कूल में प्रवेश दिया गया है। शारीरिक दूरी का पालन कराया जा रहा है, जहां विद्यार्थी संख्या ज्यादा है, वहां कक्षाएं दो पाली में संचालित होंगी।
एसोसिएशन आफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स आफ आगरा (अप्सा) अध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि अभी कक्षा छठवीं से 12वीं तक के करीब 30 से 35 फीसद विद्यार्थी आ रहे हैं, बुधवार से अन्य बच्चे भी आ गए हैं। नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। छोटे विद्यार्थियों का स्वागत बड़े विद्यार्थी ने ढोल-नगाड़ों के साथ तिलक लगाकर व मुंह मीठा कराकर किया। नेशनल एसोसिएशन आफ प्रोग्रेसिव स्कूल आफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि विद्यार्थियों का स्वागत तिलक लगाकर और तालियां बजाकर किया। कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करेंगे। आनलाइन कक्षाएं अब नहीं चलेंगी। स्कूल बस शुरू हो चुकी हैं। बुधवार से नियमित स्कूल लगेगा।
पहले दिन ही लापरवाही...मथुरा के एक स्कूल में न शिक्षकों के और ना ही बच्चों के चेहरे पर मास्क है।
तैयारी नहीं, कैसे होगी सुरक्षा
यूनाइडेट टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में निर्धन परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनके पास कोरोना से बचाव का कोई साधन नहीं। विभाग ने सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया है, विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें स्कूल से दूर रखना ही ठीक है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है कि स्कूलों में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं। विभाग ने सैनिटाइजर तक उपलब्ध नहीं कराया। विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने से पहले उनका वैक्सीनेशन जरूरी है।
होगी बिना किताब पढ़ाई
प्राथमिक विद्यालयों में अब तक किताब वितरण शुरू नहीं हुआ है। इसलिए पहले दिन पहुंचने वाले विद्यार्थियों को बिना किताब, यूनिफार्म और बैग के ही पढ़ाई करनी होगी। ऐसे में कितनी पढ़ाई होगी और उसका क्या स्तर होगा? समझना मुश्किल नहीं हैं। हालांकि बीएसए का कहना है कि किताब वितरण शुरू हो चुका है। मंगलवार को 10 ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन लाख किताबें पहुंच गई हैं। शेष किताबें एक हफ्ते में वितरित कर दी जाएंगी।
माता पिता के मन में भी डर
सरकार के आदेश के बाद बुधवार को स्कूल खोल दिए गए हैं लेकिन माता पिता के मन में डर है। बहुत से अभिभावकों ने पहले दिन अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। उनका कहना है कि जब तक बच्चों की वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहेंगे। यदि बच्चे को कुछ हो जाता है तो उसका जिम्मेदारी न सरकार लेगी और न ही स्कूल प्रबंधन। ऐसे में वे अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते।