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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार कार्यक्रम के चलते रामघाट रोड स्थित स्कूलों को बंद रखने के आदेश डीएम की ओर से जारी किए गए हैं जिसके चलते रामघाट रोड के किनारे स्थित स्कूलों को बंद रखा गया है।
बालक पाठशाला संख्या 13 विष्णुपुरी में कक्षा पांच के बच्चों को पढ़ातीं प्रधानाध्यापक श्वेता तोमर।
अलीगढ़, बुधवार को कक्षा एक से पांच तक के प्राइमरी स्कूलों में आफलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य शुरू कराया गया। सरकारी व निजी स्कूलों में कोविड-19 गाइडलाइंस के पालन के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाया गया। करीब चार महीने से बंद प्राइमरी स्कूलों में बुधवार को नन्हे-मुन्ने बच्चों के आने से रौनक लौट आई। हालांकि तमाम स्कूलों में छात्र संख्या न के बराबर भी रही। मगर जिन स्कूलों में विद्यार्थी थोड़ी संख्या में भी आए वहां बच्चों व शिक्षकों की आवाज से परिसर एक बार फिर गूंज उठे। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार कार्यक्रम के चलते रामघाट रोड स्थित स्कूलों को बंद रखने के आदेश डीएम की ओर से जारी किए गए हैं, जिसके चलते रामघाट रोड के किनारे स्थित स्कूलों को बंद रखा गया है।
यह थे स्कूलों में हालात
मुख्य गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क वितरण के बीच बच्चे अपनी कक्षाओं में गए। लंबे समय बाद अपने दोस्तों से मिलकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। कक्षाओं में पहुंचने पर एक बेंच पर दो से तीन बच्चे जोड़ी बनाकर साथ-साथ बैठ गए। इस पर शिक्षकों ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराते हुए बेंच के दोनों छोर पर एक-एक विद्यार्थी को बैठाने में मशक्कत की। आमतौर पर सरकारी स्कूलों में बच्चे खुद ही स्कूल आते हैं मगर कोरोना संक्रमण काल के बाद स्कूल खुलने पर अभिभावक बच्चों को लेकर स्कूल आए। तमाम अभिभावकों ने पहले दिन बच्चों को भेजने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। दैनिक जागरण की टीम जब दोधपुर स्थित प्राइमरी स्कूल पहुंची तो वहां सहायक अध्यापिका शाइन्दा खान व शिक्षामित्र इरम ही मौजूद थी। यहां सुबह 8:40 बजे तक कोई भी विद्यार्थी नहीं आया। इसी तरह विष्णुपुरी स्थित बालक पाठशाला संख्या 13 व कन्या पाठशाला संख्या 28 में कक्षा पांच व छह के विद्यार्थी आए। पाठशाला संख्या 13 की प्रधानाध्यापिका श्वेता ओमर ने कोविड-19 गाइडलाइन के पालन के साथ विद्यार्थियों को दूर दूर बैठा कर शिक्षण कार्य कराया। यहां एक ही संस्थान में एक ही परिसर में तीन प्राइमरी स्कूल संचालित होते हैं। जिनमें लगभग 150 विद्यार्थी नामांकित हैं। मगर यहां पहले दिन मात्र 15 से 20 बच्चे ही पढ़ने के लिए आए। छात्र संख्या कम होने के चलते पहली पाली में ही पढ़ाई कराने की व्यवस्था की गई।
स्कूल खुलने का कर रहे थे इंतजार
घनश्याम पुरी क्षेत्र में गली नंबर-4 निवासी कक्षा पांच की छात्रा पिंकी ने बताया कि जब एक सितंबर से स्कूलों के खुलने का पता चला तो तब उनको काफी खुशी हुई थी। आज सुबह वे जल्दी उठकर स्कूल आने के लिए तैयार हो गई थीं। स्कूल आने का कई दिनों से मन था बस इनके खुलने का इंतजार कर रहे थे।
विष्णुपुरी निवासी व कक्षा पांच के छात्र जिगर ने कहा कि कई दिनों से वे स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी ड्रेस व बैग तैयार कर लिया था। स्कूल आकर व दोस्तों से मिलकर अच्छा लगा।