आपदा के लिए अनियंत्रित विकास जिम्मेदार, सरकार ये मानने को नहीं तैयार; बचाव और नुकसान कम करने पर जोर

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RGA news

आपदा को देखते हुए उससे बचाव और जान-माल का नुकसान कम करने को नीति नियोजन का हिस्सा बनाया गया है। राज्य का तकरीबन पूरा भू-भाग भूकंपीय जोन में होने की वजह सरकारी और गैर सरकारी भवनों को आपदारोधी बनाना अनिवार्य किया जा चुका है

आपदा के लिए अनियंत्रित विकास जिम्मेदार, सरकार ये मानने को नहीं तैयार।

 देहरादून। सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि दैवीय आपदा के लिए अनियोजित या अनियंत्रित विकास जिम्मेदार है। आपदा को देखते हुए उससे बचाव और जान-माल का नुकसान कम करने को नीति नियोजन का हिस्सा बनाया गया है। राज्य का तकरीबन पूरा भू-भाग भूकंपीय जोन में होने की वजह सरकारी और गैर सरकारी भवनों को आपदारोधी बनाना अनिवार्य किया जा चुका है।

प्रदेश में अनियोजित विकास बहस का मुद्दा बनता रहा है। पर्यावरणविद इस मुद्दे को शिद्दत से उठाते रहे हैं। लंबे अरसे से यह मांग की जा रही है कि अनियोजित विकास को रोकने के लिए नीति तय की जानी चाहिए। इससे आपदाओं को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। खासतौर पर भूस्खलन जैसी घटनाओं को इस तरह से रोका जा सकेगा। सरकार आपदाओं के लिए अनियोजित विकास को वजह नहीं मानती।

सरकार की नीति आपदा के प्रति संवेदनशील उत्तराखंड में नुकसान को कम करने की है। इसे ध्यान में रखकर ही आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के अंतर्गत आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण केंद्र स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन का कहना है कि आपदा से बचाव के लिए तंत्र को विकसित किया जा रहा है

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भूकंप के प्रति अति संवेदनशील जोन-चार और जोन-पांच में है। भूकंप से जान-माल की बड़े पैमाने पर क्षति के अंदेशे को देखते हुए प्रदेश में सरकारी और निजी भवनों को भूकंपरोधी बनाने का आदेश लागू है। विभिन्न विकास प्राधिकरणों के माध्यम से इसे अमल में लाया जा रहा है। सड़कें बनाने के लिए अब ब्लास्टिंग नहीं होती। चट्टानों की कटिंग की जा रही है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरान करेंगे केंद्रीय रक्षा राज्यम

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और सीमा सड़क संगठन के चेयरमैन अजय भट्ट बुधवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। इसकी शुरुआत वह धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों से करेंगे। उत्तराखंड में लगातार हो रही बरसात के कारण कई जगह आपदा के हालत बन गए हैं। लगातार हो रहे भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं रविवार रात धारचूला में बादल फटने की घटना से काफी नुकसान हुआ है। मंगलवार को रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने पिथौरागढ़-तवाघाट मार्ग पर हुए नुकसान के संबंध में सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ले.जनरल राजीव चौधरी के साथ बैठक की

इस दौरान ले.जनरल चौधरी ने बताया कि सीमा संगठन के साथ ही एनडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन की पूरी टीम बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने निर्देश दिए कि सीमा सड़क संगठन पूरी क्षमता के साथ सड़क संपर्क स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करे। जरूरत पड़ने पर संगठन अपनी सीमा से बाहर जाकर भी बचाव एवं राहत कार्य चलाए। प्रदेश सरकार को भी पूरी मदद दी जाए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं क्षेत्र का दौरा करेंगे। उनके साथ महानिदेशक सीमा सड़क संगठन और ही सासंद अल्मोड़ा अजय टम्टा भी रहेंगे।

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