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दूसरी ओर सरसौल रेलवे ओवरब्रिज से 50 से अधिक गांवों को जल्द लाभ मिलने वाला है। यह रेलवे ओवरब्रिज भी दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर बन रहा है। साढ़-सरसौल मार्ग व नर्वल तहसील मुख्य मार्ग पर पडऩे वाली क्रासिंग से रोज करीब एक लाख लोगों का आना-जाना होता है
एक दर्जन से अधिक गांवों के निवासियों को रोज कई किलोमीटर का चक्कर लगाकर गुजरना पड़ रहा
कानपुर, महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में पांडु नदी पर सरसौल और अखरी-चिल्ला पुल का काम शुरू हो गया है। वहीं, करबिगवां स्थित दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का काम चार वर्ष से लटका है। इससे ग्रामीणों व राहगीरों को दिक्कतें हैं। अप्रैल 2016 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। पहले सितंबर 2017 में काम पूरा होना था, लेकिन फिर समयावधि बढ़ाकर 2018 कर दी गई थी। हालांकि, उसके चार वर्ष बाद भी आरओबी अधूरा ही है। सिकठिया, पुरवामीर, करबिगवां, शीशूपुर, नौगवां गौतम, मिश्रीखेड़ा सहित आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों के निवासियों को रोज कई किलोमीटर का चक्कर लगाकर गुजरना पड़ रहा है। रेलवे ट्रैक के ऊपर का हिस्सा अटका होने से काम पूरा होने में देरी है।
दूसरी ओर सरसौल रेलवे ओवरब्रिज से 50 से अधिक गांवों को जल्द लाभ मिलने वाला है। यह रेलवे ओवरब्रिज भी दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर बन रहा है। साढ़-सरसौल मार्ग व नर्वल तहसील मुख्य मार्ग पर पडऩे वाली क्रासिंग से रोज करीब एक लाख लोगों का आना-जाना होता है। अतिव्यस्त रेलमार्ग होने से क्रासिंग एक-एक घंटे तक बंद रहती है। ऐसे में तहसील, डायट नर्वल, सरकारी स्कूलों के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को रोज क्रासिंग पर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है, जिससे जल्द निजात मिल जाएगी।
जाजमऊ के शेखपुर, जाना, किशुनपुर, हनिया, मोतीपुर, अलौलापुर, प्योंदी, त्रिलोकपुर, मदारपुर, सुखनीपुर, वाजिदपुर गांव के निवासी केमिकल युक्त पानी की समस्या से परेशान हैं। टेनरियों व सीवर के पानी में केमिकल की मात्रा बहुत अधिक है। इससे ग्रामीण लाइलाज बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं।
केमिकल से प्रदूषित पानी के सेवन और उसके संपर्क में रहने से कई निवासियों की अंगुलियां तक गल गई हैं। नाले से बह रहे इस पानी से किसान अपनी फसलों को भी सींचते हैं। इसका असर उनकी फसलों पर भी नजर आता है। इस पानी को पूरी तरह ट्रीट करके ही आना चाहिए, लेकिन अब तक इसमें कोई सुधार नहीं हो सका है। रामादेवी चौराहा पर जाम लगता है। जरौली, कर्रही, आवास विकास हंसपुरम, यशोदा नगर, दहेली सुजानपुर, नौबस्ता, खांड़ेपुर समेत अन्य इलाकों में सौ से अधिक सड़कें बनवाई गई हैं। हालांकि, क्षेत्र में आबादी के बीच गुजरी हाईटेंशन लाइनों में एक तरफ सड़कें बनी हैं, जबकि दूसरी तरफ के लोगों की आस अधूरी है। खांड़ेपुर से कर्रही रोड, अर्रा बिनगवां से हमीरपुर रोड, नौबस्ता गल्ला मंडी के पास की हाईटेंशन लाइनों के किनारे बसे लोग परेशान हैं। लोगों के घरों तक बारिश का पानी घुस जाता है। कई सोसाइटी वाले मोहल्लों में सड़कें बनी हैं तो कुछ में खराब भी हैं।
- काफी पिछड़ा क्षेत्र था। सड़क, पानी की व्यवस्था कराई। बांस-बल्ली पर बिजली आपूर्ति खत्म करवाकर 95 फीसद जगह खंभे लगवाए। जरौली, पुरवामीर, अहिरवां तीन सबस्टेशन बनवाए। ड्योढी घाट, नजफगढ़ में श्मशान घाट पर खड़े होने की व्यवस्था नहीं थी। वहां काम कराया। क्षेत्र में पांच ओवरहेड टैंक बन रहे हैं, 25 और पास कराए हैं। इसके साथ ही सरसौल पुल का काम शुरू हो गया है। अखरी-चिल्ला पुल 10.8 करोड़ रुपये से बन रहा है। करबिगवां आरओबी में रेलवे की डिजाइन में कुछ संशोधन हुआ है, जिससे देरी हुई। रेलवे क्रासिंगका काम करा रहा है। इस वर्ष के अंत तक पुल शुरू हो सकता है। रामादेवी सेंटर प्वाइंट है, वहां हर तरफ से वाहन आते हैं, इसलिए कभी-कभी जाम लगता है। नर्वल से पुरवामीर की सड़क चौड़ी कराई। सैमसी झील में पर्यटन की दृष्टि से 2.5 करोड़ रुपये से काम कराया। - सतीश महाना, विधायक व औद्योगिक विकास मंत्री।
- महाराजपुर क्षेत्र अब तक पिछड़ा ही है। अस्पताल, राजकीय डिग्री कालेज व इंटर कालेज नहीं हैं। खासकर तब, जब महाराजपुर के विधायक कैबिनेट मंत्री हैं। कुछ सड़कें तो बनी हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मुख्य मार्गों से तमाम गांव अभी तक नहीं जुड़े हैं। जल निकासी समेत कई दिक्कतें हैं। कोरोना काल में अस्पतालों की कमी खली। बसपा सरकार में कांशीराम समेत सात अस्पताल बने, लेकिन इस सरकार में कोई खास काम नहीं हुआ। एक तरह से क्षेत्र की उपेक्षा हो रही है। - मनोज शुक्ला, रनरअप, बसपा।
- सरसौल रेलवे ओवरब्रिज से क्षेत्र का विकास होगा। अभी रेलवे क्रासिंग बंद होने पर लोगों को बहुत दिक्कत होती है। इसके अलावा अखरी-चिल्ला पुल पांडु नदी पर बन जाने से ग्रामीणों को राहत मिलेगी। - राजकुमार अवस्थी, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, भास्करानंद इंटर कालेज नर्वल।
- करबिगवां रेलवे ओवरब्रिज तय समय सीमा से बहुत लेट है। इसे जल्द बनाया जाना चाहिए। इसके अधूरे रहने से लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं। अंडरपास में टीन शेड न होने से बारिश में जलभराव हो जाता है। - डीपी कुशवाहा, सेवानिवृत्त शिक्षक, बद्री प्रसाद इंटर कालेज, नर्वल।
- पहले गुंजन विहार, दामोदर नगर क्षेत्र में घुटनों तक पानी भरा रहने से निकलना मुश्किल था। अब सड़क बनने से हालात ठीक हैं। मुख्य सड़कों को बनाए जाते समय अगर नाली और खड़ंजा भी बना दिया जाए तो समुचित और अच्छा विकास होगा। - केशव त्रिवेदी, सदस्य, सांस्कृतिक महासभा संरक्षण मंडल, नरपतनगर जरौली।
- सैमसी झील के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण से आसपास पर्यटन क्षेत्र बनेगा। पुरवामीर सबस्टेशन से बिजली व नर्वल में नवनिर्मित फायर स्टेशन से लोगों को फायदा मिलेगा। सरसौल में बनने वाली दो टंकियों से घरों तक पानी पहुंचेगा। - ब्रजेश चंद्र तिवारी, सेवानिवृत प्रवक्ता, एसएनएसडी इंटर कालेज, सरसौल।
- कुल मतदाता : 4,28,521
- पुरुष मतदाता : 2,37,219
- महिला मतदाता : 1,91,275
- अन्य मतदाता : 27