स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट ने लौटाईं दो पर‍िवारों की खुशियां, यूपी का SGPGI बना पहला संस्‍थान जहां हुई सफल सर्जरी

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RGA न्यूज़

संजय गांधी पीजीआइ प्रदेश का पहला संस्थान बन गया जिसने स्वैप (अदला-बदली) किडनी ट्रांसप्लांट किया। 31 अगस्त को इस सफल ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया गया। डोनर और किडनी लेने वाले दोनों जोड़े ठीक हैं। इस तरह के ट्रांसप्लांट में पेयर्ड किडनी एक्सचेंज किया जाता है।

आपस में हुई किडनी की अदला-बदली, बना रहेगा दोनों का जोड़ा।

लखनऊ, कभी-कभी नियति ऐसी परीक्षा लेती है, जिसके आगे तर्क की शक्ति भी नतमस्तक हो जाती है। दो कहानियों का प्रसंग अलग, संदर्भ अलग तो क्या उपसंहार एक हो सकता है। जी हां, ऐसा कर दिखाया संजय गांधी पीजीआइ के चिकित्सकों ने। आजमगढ़ निवासी महिला की किडनी खराब थी। पति अपनी किडनी देना चाहते थे, पर चिकित्सकीय जटिलता ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। दूसरी तरफ लखनऊ की एक महिला भी अपने पति को किडनी देकर जान बचाना चाहती थी, पर ऐसी ही कुछ परेशानी ने इन्हें भी रोक लिया। पीजीआइ में भर्ती दोनों मरीजों की जान बचाने के लिए डाक्टरों ने कुछ अलग करने का प्रयास किया। महिला ने महिला को और पुरुष ने पुरुष को किडनी देकर दो घरों में प्राण रक्षा वायु का प्रवाह कर दिया।

संजय गांधी पीजीआइ प्रदेश का पहला संस्थान बन गया, जिसने स्वैप (अदला-बदली) किडनी ट्रांसप्लांट किया। 31 अगस्त को इस सफल ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया गया। डोनर और किडनी लेने वाले दोनों जोड़े ठीक हैं। इस तरह के ट्रांसप्लांट में पेयर्ड किडनी एक्सचेंज किया जाता है। नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद के मुताबिक, स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट में एक जोड़ी के डोनर किडनी का दूसरे के साथ आदान-प्रदान किया जाता है।

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