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RGA न्यूज़
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां पांच सितंबर को सोरों स्थित गंगा नदी में विसर्जित की जाएंगी। इससे पहले अस्थि कलश एटा और कासगंज जाएगा जहां लोग दर्शन कर श्रद्धासुमन अर्पित कर सकेंगे। चार अस्थि कलश कल्याण सिंह के पैतृक गांव में रखे गए थे
चार अस्थि कलश लाकर कल्याण सिंह के पैतृक गांव मढ़ौली (जनकपुर) में रखे गए थे।
अलीगढ़, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां पांच सितंबर को सोरों स्थित गंगा नदी में विसर्जित की जाएंगी। इससे पहले अस्थि कलश एटा और कासगंज जाएगा, जहां लोग दर्शन कर श्रद्धासुमन अर्पित कर सकेंगे। एटा और कासगंज बाबूजी की कर्मभूमि रही है, यहां से वह सांसद रहे थे, इसलिए इन दोनों जिलों में अस्थि कलश को ले जाया जाएगा। पांच सितंबर को अस्थि कलश सुबह 10 बजे मढ़ौली से अस्थि कलश लेकर रवाना होंगे।
चार कलशों में रखीं हैं कल्याण की अस्थियां
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी के बाद अब उनकी अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद 27 अगस्त को उनकी अस्थियां नरौरा स्थित गंगा में विसर्जित की गई थीं। वहां से चार अस्थि कलश लाकर कल्याण सिंह के पैतृक गांव मढ़ौली (जनकपुर) में रखे गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र व एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने बताया कि बाबूजी की कर्मभूमि एटा और कासगंज रही है। वह वहां सांसद रहे थे। अक्सर उनका आना-जाना भी लगा रहता था। राज्यपाल बनने के बाद भी काफी लोग इन जिलों से उनसे मिलने जयपुर जाया करते थे। अलीगढ़ आगमन पर भी राज पैलेस में मुलाकात करने आते थे। इसलिए
निर्णय लिया गया है कि पांच सितंबर को अस्थि कलश एटा और कासगंज ले जाएंगे। सुबह 10 बजे मढ़ौली से अस्थि कलश लेकर रवाना होंगे।
परिवार के लोग होंगे शामिल
एटा और कासगंज जिलाें में भ्रमण करने के बाद कासगंज जिले के सोरों स्थित गंगा घाट पर अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा। राजवीर सिंह राजू भैया ने बताया कि शेष तीन कलश की अस्थियां अयोध्या के सरयू नदी, प्रयागराज में संगम और हरिद्वार में गंगा नदी में विजर्सित की जाएंगी। हालांकि, तिथि अभी तय नहीं की गई है, मगर एक हफ्ते के अंदर विसर्जित कर दी जाएंगी। इसमें परिवार के लोग शामिल होंगे।