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RGA न्यूज़
काशीराम आवासीय योजना बनी तो इसलिए थी कि गरीबों को आशियाना मिल सके और वे चैन से रह सकें। लेकिन इस योजना पर सरकारी कर्मचारी कुंडली मारे बैठे हैं। जिसको चाहे आवास दे दिया जिससे चाहा छीन लिया।
तीन साल पहले जो आवास आवंटित हुआ था, उस पर अब दूसरे ने दावा ठोंक दिया है।
अलीगढ़, काशीराम आवासीय योजना बनी तो इसलिए थी कि गरीबों को आशियाना मिल सके और वे चैन से रह सकें। लेकिन, इस योजना पर सरकारी कर्मचारी कुंडली मारे बैठे हैं। जिसको चाहे आवास दे दिया, जिससे चाहा छीन लिया। गांधीपार्क की रंजना को तीन साल पहले जो आवास आवंटित हुआ था, उस पर अब दूसरे ने दावा ठोंक दिया है। पता चला कि एक ही आवास दो लोगों को आवंटित कर दिया गया, लेकिन रंजना ने आवास को रहने लायक बनाने में ही हजारों रुपये खर्च कर दिए हैं। ऐसा एक आवंटी के साथ नहीं हुआ और भी पीड़ित हैं।
यह है मामला
शहर के गांधी पार्क निवासी रंजना को तीन साल पहले एलमपुर स्थित काशीराम आवास योजना में एक आवास आवंटित हुआ था। प्रशासन ने इन्हें भवन संख्या 196 का प्रमाण पत्र दिया। ऐसे में इन्होंने इस भवन पर कब्जा ले लिया। भवन की हालात जर्जर होने के चलते इन्होंने इसके दुरुस्तीकरण का कार्य भी कराया। रंगाई-पुताई व टूट-फूट को सही कराने में हजारों रुपये खर्च किए। बिजली का मीटर भी लगवाया, लेकिन अब एक अन्य आवंटी भी इसी भवन पर दावा ठोंक रहे हैं। आरोप है कि एडीए के कर्मचारी भी उसी दूसरे के पक्ष में हैं। वह मिलीभगत के चलते रंजना से भवन संख्या 196 को लेकर 195 आवंटित कर रहे हैं। हालांकि, रंजना इसे छोड़ने का तैयार नहीं हैं। उन्होंने एडीए के अफसरों से पुराना आवास देने की ही गुहार लगाई है।
1200 से अधिक आवास आवंटन
2018 के बाद से ही जिले में इन आवासों का आवंटन किया जा रहा है। पिछले तीन साल में जिले में करीब 1200 से अधिक लोगों को इस योजना में आवास आवंटित हो चुके हैं। हालांकि, इन आवंटियों में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें एक ही नंबर के आवास अलग-अलग दो लोगों को मिल गए हैं। ऐसे लोग कब्जे को लेकर प्राधिकरण पहुंच रहे हैं। प्राधिकण के कर्मचारियों ने इस समस्या को सुलझाने की बजाय भुनाना शुरू कर दिया है। आरोप है कि चहेते लोगों को जहां अच्छे आवास दिए जा रहे हैं। वहीं, बिना सिफारिश वालों को जर्जर आवास मिल रहे हैं। अधिशासी अभियंता डीएस भदौरिया ने बताया कि रंजना की शिकायत मिली है। जांच कराई जा रही है। शिकायतकर्ता को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।