नवाबगंज तहसील परिसर में पहुंचकर सामाजिक संस्था पैनी नजर ने की प्रेस वार्ता

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RGA न्यूज़ ब्यूरो चीफ अभ्यास शर्मा

नवाबगंज बरेली कल तहसील परिसर में ग्रामीणों व पैनी नजर सामाजिक संस्था द्वारा आवारा पशुओं को गोशाला में पहुंचाने की मुहिम के पश्चात आज संस्था अध्यक्ष ने एक प्रेस वार्ता करके बताया कि प्रशासन की पूरी तरह से पोल खुल गई कि कहीं पर भी कोई गोशाला नहीं है जिस में पशुओं को सुरक्षित तरीके से रखा जाए । इसके अलावा संस्था अध्यक्ष ने बताया कल की घटना क्रम में मीडिया कर्मियों के जाने के पश्चात रिछोला चौकी के एसआई द्वारा संस्था अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार के बारे में एस आई ने अभद्रता से बात करते हुए अपने सिपाहियों को आदेशित किया कि इनको मारते हुए गाड़ी में बैटाएं  संस्था अध्यक्ष ने कहा कि मारने से पहले अपराध को बताना होगा। अध्यक्ष का कहना है संस्था अध्यक्ष को पुलिस प्रशासन द्वारा डराने का आदेश नवाबगंज प्रशासन द्वारा दिया गया है क्योंकि नवाबगंज प्रशासन लगातार जनहित में कार्य करने वाले इस संस्था कि इस समस्या पर लगातार अनसुनी की गई है नवाबगंज प्रशासन ने व्यक्तिगत दोष भावना द्वारा इस प्रकार से संस्था अध्यक्ष का अपमान कराने का प्रयास कराया गया किंतु संस्था अध्यक्ष एक अधिवक्ता में है उन्हें पता था कि पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसा कहा जा सकता है इसलिए संस्था अध्यक्ष हर तरह से तैयार थी संस्था अध्यक्ष के पास लगातार कई ग्रामों से फोन आ रहे थे किसानों के साथ संस्था अध्यक्ष को कहीं पुलिस ने पकड़ तो नहीं लिया संस्था अध्यक्ष के बारे में जनता में ए सकारात्मक धारणा बनी हुई है की पैनी नजर सामाजिक संस्था ही एकमात्र ऐसा मंच है जिसमें बिना राजनीति के जनता की समस्याओं को समाधान तक ले जाया जाता है अतः पूरे क्षेत्र के किसानों का संस्था अध्यक्ष व संस्था पर पूरा विश्वास था ।इसलिए पूरे क्षेत्र के किसान बार-बार संस्था अध्यक्ष को फोन करके उनका हालचाल ले रहे थे संस्था अध्यक्ष ने यह भी बताया के किसान इस तरह आक्रोशित थे उनका कहना था के हम गांव से चुरा लिया लादकर पूरे कस्बे में भर देंगे किंतु संस्था अध्यक्ष ने कहा हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना है हमें जनहित का पूरा ध्यान रखना । संस्था अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता में यह भी कहा के किसानों पर वह संस्था पदाधिकारियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखवाने का नवाबगंज प्रशासन द्वारा पूरा प्रयास किया गया किंतु जनाक्रोश को देखते हुए ऐसा कदम प्रशासन ने नहीं उठाया फिर भी किसानों की आवाज दबा देने के लिए उनके ऊपर अत्याचार करने के लिए एक कदम जरूर उठाया गया दोनों ट्रालीयों का इस तरह से चालान किया गया चालान राशि एक ट्राली की 32500 व दूसरी ट्राली के 34500 करके प्रशासन ने किसानों के प्रति व संस्था के प्रति यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि प्रशासन कुछ भी कर सकता है । इस समस्या के समाधान की यह मुहिम नहीं रुकेगी पूरे क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है के किसान पशुओं की समस्या से भी ग्रसित है और आवाज उठाने पर उसे इस तरह से आर्थिक दंड से भी दंडित किया जा रहा है मगर संस्था अध्यक्ष ने कहा है कि किसानों की प्राणियों का चालान प्रशासन को खत्म करना होगा और इस संबंध में वह अग्रिम कार्यवाही करेंगी ।

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