फीरोजाबाद में अनूठा प्रयोग, डेंगू पर काबू पाने के लिए मंगाई गईं ये विशेष शिकारी मछलियां

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RGA न्यूज़

फीरोजाबाद में तालाबों और खाली प्लाटों के जलभराव में ननि ने शुरू किया अभियान।क मछली एक दिन से तीन सौ मच्छरों का लार्वा खा जाती है। इसे किसी भी प्रकार के तालाब गड्ढे नाली और गटर में डाला जा सकता है।

एक दिन में मच्छरों के लार्वा का शिकार करती है गमबूशिया फिश।

आगरा, फीरोजाबाद में मासूम बच्चों को शिकार बना रहे डेंगू के मच्छर के शिकारी मंगाए गए हैं। विशेष प्रजाति की मछलियां अब पानी में रहकर मच्छरों के लार्वा का शिकार करेंगी। इससे मच्छरों को पनपने से रोका जा सकेगा। मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इसकी पहल शुरू की है। वहीं नगर निगम ने इसके लिए बुखार और डेंगू प्रभावित क्षेत्रों के 50 स्थानों को चिन्हित किया है। इनमें मछलियां डलवाना शुरू कर दी गई हैं।

फीरोजाबाद जिले में 11 सितंबर से शुरू हुए डेंगू के कहर के बाद हालात लगातार बिगड़ते रहे। शहर के बुखार प्रभावित वार्डों में नगर निगम ने युद्ध स्तर पर अभियान शुरू किया, लेकिन बारिश लगातार मुसीबत बनती रही। खाली कराए गए जलभराव में बारिश के कारण फिर से पानी भर गया। नगर आयुक्त प्रेरणा शर्मा ने इसके लिए मास्किटो फिश मंगाने की योजना बनाई, लेकिन इसकी उपलब्धता नहीं हो पा रही थी। शनिवार को शहर में पहुंचे नोडल अधिकारी सुधीर एम बोबड़े इससे पहले मत्स्य विभाग में रह चुके हैं। उन्होंने संपर्क कर बदायूं से मछलियां पहुंचाने की व्यवस्था करवाई। शहर के लिए 50 पैकेट गम्बूशिया फिश का आर्डर दिया गया है। शनिवार रात को पांच पैकेट मछलियां नगर के पांच तालाबों में डलवा दी गई हैं। अगले दो दिनों में 45 पैकेट ननि को मिलेंगे। वहीं जिला प्रशासन गांवों में जलभराव के ठिकानों पर मछलियां डलवाने की

क्या है गम्बूशिया फिश

गम्बूशिया इफैंस वैज्ञानिक नाम की फिश में कई खासियत होती है। ये मछली अंडे नहीं बल्कि बच्चे देती है। मछली का मुख्य भोजन मच्छरों का लार्वा होता है। इस मछली के बच्चे भी तेजी से मच्छरों का लार्वा खाते हैं। एक मछली एक दिन से तीन सौ मच्छरों का लार्वा खा जाती है। इसे किसी भी प्रकार के तालाब गड्ढे नाली और गटर में डाला जा सकता है। प्रजनन क्षमता में भी तेज है। जिला मत्स्य अधिकारी श्रीकिशन शर्मा का कहना है कि लार्वा खाती जाती है और बच्चे भी पैदा करती है। 16 से 28 दिनों में बच्चे हो जाते हैं। इसके रहते हुए मच्छर नहीं रहते।

‘शहर के जलभराव वाले 50 स्थानों को गम्बूशिया मछलियां डालने के लिए चयन किया गया है। शुक्रवार रात से काम शुरू हो गया है। पांच स्थानों पर मछलियां डलवाई गई हैं। निगम ने सौ पैकेट मछलियों के आर्डर दिए हैं। इससे मच्छरों से निजात मिलेगी। ’

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