आगरा में पापा संस्था में दो फाड़, सदस्‍यों ने एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

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RGA न्यूज़

आगरा में स्‍कूलों की मनमानी कोरोना काल में फीस वसूली और ऑनलाइन क्‍लासेज को लेकर मुहिम शुरू करने वाली पापा संस्‍था में गुटबाजी हावी होती दिख रही है। दो फाड़ हो जाने के बाद सदस्‍य अलग अलग गुटों के समर्थन में नजर आ रहे हैं।

आगरा में पापा संस्‍था के सदस्‍य दो फाड़ हो गए हैं।

आगरा, अभिभावकों की लड़ाई लड़ रही प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) दो फाड़ हो गई है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक पक्ष ने अधिकारों का दुरुपयोग करने पर दीपक सरीन को संस्था से निष्कासित करने का ऐलान कर दिया, तो वहीं दीपक सरीन ने आरोपों को नकाराते हुए बुक बैंक के नाम पर घोटाला के छुपाने के लिए ऐसा करने की बात कही है।

संस्था संरक्षण मनोज शर्मा व संस्थापक अरुण मिश्रा ने रविवार को बताया कि दीपक सरीन ने संस्था अहित कार्य, धन का दुरुपयोग, संसाधनों संपत्ति पर कब्जा व संस्थापकों के अधिकारों का हनन करने का दोषी पाते हुए उन्हें संस्था से निष्कासित कर दिया है। संस्था के नाम पर जारी हेल्पलाइन नंबर उनके निजी नाम पर है, व संस्था का पत्राचार का पता उनके आवास के पते पर है। इसलिए उन्हें हेल्पलाइन नंबर खारिज करते हुए संस्था ने नया नंबर जारी किया है और कार्यालय बाइपास स्थित मिश्रा कांप्लेक्स में खोला है।

आरोप बेबुनियाद

वहीं दीपक सरीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि उन पर आरोप लगाने वाले लोग सत्ता दल से जुड़े हैं और संस्था के कार्यों को रोकना चाहते हैं। उक्त लोगों ने पापा बुक बैंक चलाकर बड़ा घोटाला किया, जिसका मैंने विरोध किया, यह आरोप उसी का परिणाम हैं। उन्होंने स्कूलों से भी मिली भगत कर ली है।

गुटबाजी होने लगी हावी

आगरा में स्‍कूलों की मनमानी, कोरोना काल में फीस वसूली और ऑनलाइन क्‍लासेज को लेकर मुहिम शुरू करने वाली पापा संस्‍था में गुटबाजी हावी होती दिख रही है। दो फाड़ हो जाने के बाद सदस्‍य अलग अलग गुटों के समर्थन में नजर आ रहे हैं। हालांकि इस संस्‍था का कोई राजनीतिक उद्देश्‍य नहीं है, केवल अभिभावकों की लड़ाई लड़ना ही इनका ध्‍येय है लेकिन अब यहां भी राजनीति हावी हो चली है।  

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