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RGA न्यूज़
यूपी बोर्ड की ओर से माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए सहूलियत भरा कदम उठाया गया लेकिन पाठ्यक्रम उपलब्ध न होने से विद्यार्थियों के सामने चुनौती आ गई है कि आखिर वे इस नई व्यवस्था में शामिल होने के लिए आवेदन करें या नहीं करें।
यूपी बोर्ड की ओर से माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए सहूलियत भरा कदम उठाया गया
अलीगढ़, यूपी बोर्ड की ओर से माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए सहूलियत भरा कदम उठाया गया लेकिन पाठ्यक्रम उपलब्ध न होने से विद्यार्थियों के सामने चुनौती आ गई है कि आखिर वे इस नई व्यवस्था में शामिल होने के लिए आवेदन करें या नहीं करें। चुनौती इसलिए है क्याेंकि अब सिर्फ प्रायोगिक परीक्षा से काम नहीं चलेगा उसके लिए उनको लिखित परीक्षा की तैयारी भी अभी से शुरू करनी होगी। यह लिखित परीक्षा 2023 सत्र से शुरू होगी लेकिन मौजूदा समय में विद्यार्थियों को इसके पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी न हो पाने से संशय की स्थिति बन गई है।
सेना में जाने का सपना देखना हुआ कठिन
जिले में यूपी बोर्ड से संबंद्ध 35 राजकीय, 94 एडेड करीब 624 वित्तविहीन कालेज हैं। जिनके विद्यार्थी अब एनसीसी को वैकल्पिक विषय के तौर पर ले सकते हैं। मगर अब एनसीसी की प्रयोगात्मक परीक्षा के अलावा इसकी लिखित परीक्षा की भी तैयारी करनी होगी। ये परीक्षा 2023 सत्र से शुरू होगी। एनसीसी कैडेट्स का सेना में जाने का सपना लिखित परीक्षा के बिना पूरा नहीं होगा।
अभी तक एनसीसी की थी अतिरिक्त पढ़ाई
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में एनसीसी नया विषय नहीं है, बल्कि अभी तक इसकी पढ़ाई अतिरिक्त विषय के रूप में कराई जाती रही है। बोर्ड प्रशासन ने नौ फरवरी 2021 को एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में मान्य करने का प्रस्ताव भेजा था। शासन ने इस पर मंथन करने के बाद सात अप्रैल को आदेश कर दिया है। ऐसे में छात्र-छात्रएं इसी वर्ष से एनसीसी की हाईस्कूल व इंटर में वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाई कर सकते हैं। असल में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई में एनसीसी की पढ़ाई होती है, उसी तर्ज पर यूपी बोर्ड में पहले कोर्स तैयार किया गया और अब उसे वैकल्पिक विषय के रूप में मान्य किया गया है। इसकी लिखित परीक्षा 2023 से कराई जाएगी। वहीं, प्रायोगिक परीक्षा संबंधित बटालियन स्तर पर होगी।
हाईस्कूल में छह विषय वैकल्पिक
शासन ने हाईस्कूल में सिर्फ एनसीसी ही नहीं छह विषयों को वैकल्पिक रूप में मान्य किया है। इनमें प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, आपदा प्रबंधन, सोलर सिस्टम रिपेयर, मोबाइल रिपेयर व एनसीसी शामिल हैं। यानी अब इस कक्षा के छात्र-छात्रएं हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान के साथ छह विषयों में एक कोई भी विषय चुन सकते हैं। यह कदम छात्र-छात्रओं की एनसीसी के प्रति ललक जगाने के लिए उठाया गया है।
इंटर में मानविकी वर्ग वालों को मौका
इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले विज्ञान व कामर्स वर्ग के छात्र-छात्रओं को एनसीसी पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। सिर्फ मानविकी यानी कला वर्ग के विद्यार्थी ही एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकते हैं। इसके अलावा 17 अन्य विषय भी वैकल्पिक विषयों में शामिल हैं।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अभी पूर्व की तरह ही विद्यार्थी एनसीसी के लिए आवेदन करेंगे। जल्द ही इसका पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होगा, 2023 से लिखित परीक्षा का प्राविधान किया गया है। जब इसकी व्यवस्था विधिवत लागू होगी तो पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होगा।