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RGA न्यूज़
सरकारी मुलाजिमों की कार्यशैली के भी क्या कहने... अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कर्मचारी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ मंडल के अन्य जिले यानी पीलीभीत शाहजहांपुर और बदायूं जिलों के सरकारी अस्पताल भी बिना इलाज के मरीजों को बरेली रेफर रहे हैं।
बरेली में मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़
बरेली, सरकारी मुलाजिमों की कार्यशैली के भी क्या कहने..., अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कर्मचारी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ मंडल के अन्य जिले यानी पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिलों के सरकारी अस्पताल भी करते हुए बिना इलाज के मरीजों को बरेली के जिला अस्पताल रेफर रहे हैं। खास बात कि इनमें से कई ऐसे मरीज हैं जिनका इलाज जिला अस्पताल में भी नहीं होता। ऐसे में जिला अस्पताल से भी मरीजों को हायर सेंटर लखनऊ रेफर किया जाता है। ऐसे में ज्यादा समय लगने से गंभीर मरीजों की जान को खतरा बना रहता है।
केस 1
जिले बदायूं के दातागंज के गांव नगरिया खुर्द निवासी मजहर हुसैन की दस की बेटी सबेनूर को बीते पांच दिन से बुखार है। चार दिन पहले जब बच्ची की हालत ज्यादा गंभीर हुई तो स्वजन उसे बदायूं जिला अस्पताल ले गए। यहां मरीज की गंभीर हालत देखकर उसे बरेली जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। स्वजन के मुताबिक कहने के बावजूद मेडिकल कालेज भेजने को कहा तो स्टाफ ने नहीं सुनी। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे स्वजन बुखार में तप रही बच्ची को लेकर बरेली जिला अस्पताल पहुंचे। यहां बच्ची को बच्चा वार्ड में भर्ती कर जांच की गई तो उसे पाइरेक्सिया और दिमाग की गंभीर बीमारी मिली। इसके बाद बच्ची को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
केस 2
जब कार्डियोलाजिस्ट है नहीं तो क्यों भेज रहे मरीज
जिला अस्पताल में करीब तीन साल से हार्ट स्पेशलिस्ट यानि कार्डियोलाजिस्ट नहीं है। बावजूद इसके जिला पीलीभीत जिला अस्पताल से हृदय संबंधी समस्या से ग्रसित एक मरीज सुबह करीब 11 बजे रेफर किया गया। मरीज जब यहां पहुंचा तो इमरजेंसी में उसका प्राथमिक इलाज किया गया। यहां जांच के दौरान उसे गंभीर समस्या से ग्रसित पाई गई। डाक्टर ने तीमारदारों को बताया कि यहां दिल संबंधी बीमारी के इलाज के लिए कोई डाक्टर नहीं है। मरीज की हालत अधिक गंभीर है। फौरन मरीज का हायर सेंटर रेफर किया गया
पहले से दी जा चुकी है विशेषज्ञों के न होने की सूचना
खास बात कि इस संबंध में मंडल में शामिल अन्य जिले पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं को पहले एडीएसआइसी स्तर से सूचना भी दी जा चुकी है कि बरेली जिला अस्पताल में नेफ्रोलाजिस्ट, कार्डियोलाजिस्ट समेत अन्य स्पेशलिस्ट का पद रिक्त हैं। ऐसे में इन बीमारियों से संबंधित मरीजों को सीधे जिले से लखनऊ रेफर करें। जिससे मरीज समय पर हायर सेंटर पहुंचकर समय पर इलाज करा सकें।
बदायूं से गंभीर बच्ची बरेली फिर लखनऊ रेफर
हैरत की बात तो यह है कि मंडल के जिले बदायूं और शाहजहांपुर में राजकीय मेडिकल कालेज हैं। जहां जिला अस्पताल की तुलना में बेहतर डाक्टर और सुविधाएं हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार कार्य से बचने को रेफर का खेल कर रहे हैं।
बदायूं और शाहजहांपुर में सरकारी मेडिकल कालेज होने के बाद भी मरीज बरेली रेफर किए जा रहे हैं। अगर मरीज को रेफर करने की जगह मेडिकल कालेज में इलाज मिल जाए तो मरीज की जान जाने का खतरा कम होता है। इस संबंध में पहले भी लेटर जारी किया गया है।