लखनऊ में कुर्मी समाज ने भरी हुंकार, महापंचायत के जरिये कि‍या शक्ति प्रदर्शन; सरकार के आगे रखी मांग

harshita's picture

RGA न्यूज़

कुर्मी समाज ने एक बार फिर अपने समाज के हितों को लेकर शक्ति प्रदर्शन किया। कुर्मी युवा महासंघ उत्तर प्रदेश के आवाहन पर हुई कुर्मी महापंचायत में प्रदेश के दस जिलों से कुर्मी समाज के लोग लखनऊ पहुंचे और सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखते हुए हुंकार भरी।

कुर्मी युवा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा समाज के हर परिवार को मिले सरकारी नौकरी।

लखनऊ, कुर्मी समाज ने एक बार फिर अपने समाज के हितों को लेकर शक्ति प्रदर्शन किया। कुर्मी युवा महासंघ उत्तर प्रदेश के आवाहन पर हुई कुर्मी महा पंचायत में प्रदेश के दस जिलों से कुर्मी समाज के लोग राजधानी पहुंचे और सरकार के समक्ष अपनी मांगों को दो टूक रखते हुए हुंकार भरी। महा पंचायत में दस जनपदों से शामिल होने पहुंचे कुर्मी समाज के लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी रहीं।

अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम स्थल रमाबाई अंबेडकर मैदान कि प्रशासन द्वारा स्वीकृति न मिलने पर कुर्मी युवा महा संघ ने सड़क को घेर मंच लगा लिया। मंच पर मौजूद कुर्मी युवा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि कुर्मी समाज को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। हमें संघर्ष करना होगा तभी हम अपने हक की लड़ाई में कामयाब हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बीते कई वर्षों से कुर्मी समाज के लोगों का शोषण हो रहा है। कुर्मी समाज को दबाया जा रहा है। उनके साथ हो रही आपराधिक घटनाओं में कार्रवाई किए जाने में हिला हवाली की जा रही। इस मौके पर कुर्मी युवा महासंघ के संस्थापक सदस्य आदर्श पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश पटेल, आलोक पटेल, अखिलेंद्र पटेल, समीर पटेल, कुलदीप पटेल समेत करीब 20 हज़ार से अधिक कुर्मी समाज के लोगों के शामिल होने का दावा किया गया 

कुर्मी महा पंचायत में सीतापुर, लखीमपुर, शाहजहांपुर, रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी, पीलीभीत, सुल्तानपुर, जौनपुर, फतेहपुर जनपद से कुर्मी समाज के लोग शामिल हुए।

यह रहीं मांगे: 

  • जनसंख्या के आधार पर जातिगत जनगणना की जाए। -किसानों को उनकी फसल की कीमत तय करने का अधिकार दिया जाए।
  • किसान आयोग का गठन किया जाए।
  • कुर्मी समाज के प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए।
  • आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए।
  • प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए।
  • पिछड़े समाज से क्रीमी लेयर का प्रावधान हटाया जाए।
News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.