जीत का मंत्र, जातियों के आधार पर भाजपा खड़ा कर रही अपना तंत्र, प्रजापति भी खिलाएंगे कमल

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RGA न्यूज़

आगरा से अनुसूचित और पिछड़ी जाति के चेहरों पर भारतीय जनता पार्टी ने खेला दांव। विधानसभा चुनाव में फिर से कमल खिलाने की तैयारी शीर्ष पदों पर सौंपी जिम्मेदारी। जातिगत समीकरण काे भी पूरा ध्यान में रखा जा रहा है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के साथ राज्‍यमंत्री धर्मवीर प्रजापति।

आगरा, मिशन-2022 की तैयारियों में जुटी भाजपा भरपाई के लिए अपनी खामियां तलाश रही है, तो उपलब्धियां भी गिना रही है। खट्टे, मीठे अनुभवों के बाद फिर से जनता के बीच जाना है इसके लिए कार्यो, योजनाओं की लंबी सूची बनाई जा रही है, तो जातिगत समीकरण कों भी ध्यान में रखा जा रहा है। विपक्षी खेमे के वोटों में सेंध लगाने के साथ अपनों के बीच मजबूती से जाने की तैयारियां की जा रही हैं। भाजपा के परंपरागत वोटर कहे जाने वाले प्रजापतियों पर पकड़ मजबूत करने के लिए पार्टी ने धर्मवीर प्रजापति को मंत्री बनाया है, जिससे पिछड़े वर्ग का बड़ा वोट बैंक साधा जाएगा। वहीं अनुसूचित वर्ग में भी पार्टी ने सेंध लगाने को कई शीर्ष पद पहले ही दिए हैं। जीत के मंत्र के लिए जातियों का मजबूत तंत्र खड़ा किया जा रहा है।

भाजपा का मजबूत गढ़ ब्रज, जिसकी 65 में से 57 विधानसभा क्षेत्र पर कमल खिला रखा है। पार्टी इन सीटों के साथ बची हुई दूसरी सीटों पर कब्जा जमाने और इनके सहारे पश्चिम क्षेत्र में सेंध लगाने में जुटी है। पीएम नरेंद्र मोदी पिछले दिनों जाटों को साधने के लिए राजा महेंद्र प्रताप के नाम से अलीगढ़ में बन रहे राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने स्वयं आए तो जाट महापुरुषों के प्रसंगों को साझा करना भी नहीं भूले। जाटों में सेंध लगा किसान आंदोलन से उपजे असंतोष पर मरहम लगाया जा रहा है, तो दूसरे दलों के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने और अपनों पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए लंबे समय से तैयारी है। पार्टी ने अनुसूचित जाति की राजधानी कहे जाने वाले आगरा में नीले खेमे में सेंध लगाने तो हाथरस सहित अनुसूचित जाति बाहुल्य जिलों तक भाजपा की पकड़ बनाने के लिए पार्टी नेताओं को शीर्ष पदों से नवाजा है। सूबे की सरकार में डा. जीएस धर्मेश तो प्रतिनिधित्व कर ही रहे हैं, जबकि बेबीरानी मौर्य को उत्तराखंड की राज्यपाल बनाया गया था। उप्र विधानसभा चुनाव में उनके चेहरे को भुनाने और अनुसूचित वर्ग में पार्टी का संदेश पहुंचाने के लिए उनको राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर सक्रिय राजनीति में वापिसी कराई गई है। वहीं राज्य एससी आयोग का अध्यक्ष भी आगरा के पूर्व मंत्री डा. रामबाबू हरित को दिया गया है, जिनकी अनुसूचित वर्ग में अच्छी पकड़ मानी जाती है। पिछड़े वर्ग की कुछ जातियों को भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है तो कुछ पर सपा का कब्जा है। इनको लुभाने के लिए पार्टी ने बघेल समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को हाल ही में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया है। उनके साथ ही ब्रज की बदायूं सीट के निवासी राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा को भी केंद्र में राज्यमंत्री बना लोधी समाज में अपनी पकड़ को बनाए रखने का प्रयास किया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी अपनी किलेबंदी में जुटी है, जिसमें जातिगत समीकरणों को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

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