सीएसए कृषि विश्वविद्यालय में नियमों को दरकिनार कर की गई थीं भर्तियां, अब उच्च स्तरीय समिति करेगी जांच

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RGA न्यूज़

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान केंद्रों में नियमों की अनदेखी करके पदों पर भर्तियां करने के मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर विवि प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई की संस्तुति 

कानपुर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में नियमों को ताक पर रखकर कृषि विज्ञान केंद्रों के समन्वयकों व विषय-वस्तु विशेषज्ञों की नियुक्ति के मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी। अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने मंडलायुक्त डाक्टर राजशेखर की जांच रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। उन्होंने अब उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई है। इसमें डा. राजशेखर के साथ आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि अयोध्या के कुलपति, कृषि निदेशालय लखनऊ के वित्त नियंत्रक शामिल हैं। जांच कमेटी से कहा गया है कि मामले की विस्तृत जांच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति भेजें।

विवि में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए शासन ने मंडलायुक्त डा. राजशेखर की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने 31 मई को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। जांच में पाया गया था कि कृषि विज्ञान केंद्रों में गैर शिक्षक श्रेणी में नियुक्त समन्वयकों व विषय-वस्तु विशेषज्ञों का समायोजन विवि में गलत तरीके से सहायक अध्यापक, प्राध्यापक के पद पर किया गया, जबकि उनके समायोजन की प्रक्रिया को विवि की प्रबंध निदेशक मंडल की बैठक में आठ जनवरी 2020 को ही निरस्त कर दिया गया था। बावजूद इसके प्रबंधन ने उन्हेंं तैनाती दी और निरंतर राज्य अनुदान से नान प्लान मद में नियमित नियुक्ति पद पर मानते हुए उन्हेंं वेतन भी दिया। इस गड़बड़ी की वजह से ही राज्य अनुदान पर अनावश्यक रूप से वित्तीय भार भी पड़ा

कुलाधिपति (राज्यपाल) के अपर मुख्य सचिव ने भी कृषि विज्ञान केंद्रों के काॢमकों को वहां से हटाकर मूल तैनाती वाले केंद्र में भेजने के लिए कहा था, लेकिन इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा अनुमन्य वेतनमान देने की जगह विवि प्रबंधन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित वेतनमान दिया जोकि गलत था। जांच टीम ने इसे भी वित्तीय अनियमितता माना था। अब शासन ने पूरे मामले की विस्तृत जांच करने और गलत तरीके से नियुक्ति देने, वेतन देने के लिए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी मांगे हैैं। ताकि उनके विरुद्ध कार्रवाई हो सके।

-पूर्व में की गई जांच के आधार पर ही अब शासन ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई है। जल्द ही जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी

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