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मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए जिले में किस तरह अस्पताल का बोर्ड लगाकर अवैध दुकानें चलाई जा रही हैं इसकी एक बानगी गुरुवार को फिर सामने आई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर एसीएमओ प्रशासन अमला-जमला लेकर पहुंचे तो एक अस्पताल बिना पंजीकरण प्रसव कराते मिला।
बरेली में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, बिन डाक्टर के प्रसव तो कहीं बिना टेक्नीशियन के चल रही लैब
बरेली, मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए जिले में किस तरह अस्पताल का बोर्ड लगाकर अवैध दुकानें चलाई जा रही हैं, इसकी एक बानगी गुरुवार को फिर सामने आई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर एसीएमओ प्रशासन अमला-जमला लेकर पहुंचे तो एक अस्पताल बिना पंजीकरण प्रसव कराते मिला। एक अन्य में भी बिना पंजीकरण के मरीज भर्ती था। वहीं, तीन अन्य अस्पतालों में बिना मानकों के अवैध रूप से लैब चल रही थी। सभी जगह विभागीय कार्रवाई के तहत तीन दिन में दस्तावेज दिखाने का नोटिस थमाया गया है। निरीक्षण के लिए पहुंची टीम में एसीएमओ प्रशासन डा. हरपाल सिंह, महेंद्र यादव व अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
बिना पंजीकरण चल रहा था वी-केयर अस्पताल
निरीक्षण के लिए पहुंची टीम से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले टीम सीबीगंज के नंदौसी स्थित वी-केयर अस्पताल पहुंची। यहां स्टाफ के पंजीकरण संबंधी दस्तावेज मांगे गए। लेकिन मौजूद कर्मचारी नहीं दिखा सके। अंदर फतेहगंज पश्चिमी निवासी देवकी भर्ती थीं। पूछने पर पता चला कि बुधवार को उनका प्रसव हुआ है। इस पर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ के बारे में पता किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी। मरीज भर्ती होने के कारण टीम ने अस्पताल को नोटिस जारी किया है
बगैर रेडियोलाजिस्ट हो रही थीं मरीजों की जांच
कर्मचारी नगर स्थित नवोदय हास्पिटल पहुंचकर जब टीम ने लैब के पंजीकरण संबंधी दस्तावेज मांगे तो प्रबंधन एक दूसरे का मुंह ताकते नजर आया। बाद में जानकारी दी कि लैब का पंजीकरण नहीं है। वहीं हैरत की बात तो यह रही कि लैब में जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए रेडियोलाजिस्ट के साथ ही लैब टेक्नीशियन तक नहीं हैं।
लैब का पंजीकरण भी नहीं दिखा सके
नवोदय अस्पताल के बाद टीम कर्मचारी नगर में ही मेट्रो विजन और बाद में किला स्थित अर्बन अस्पताल पहुंची। यहां भी मेडिकल वेस्ट निस्तारण के कोई इंतजाम नहीं मिले। वहीं पैथोलाजी लैब का पंजीकरण विभाग में नहीं कराया गया था। इस पर दोनों ही अस्पताल को भी नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है।
पंजीकरण मांगा तो बताया पूर्व एसीएमओ का रिश्तेदार
टीम डा.संदीप अग्रवाल अस्पताल पहुंची। यहां बाहर बोर्ड पर जिला अस्पताल के पूर्व फिजिशियन एंड सर्जन का बोर्ड लगा था। अंदर गए तो एक कमरे में तीन बेड पड़े थे। इनमें सेवाराम नाम का एक मरीज भर्ती था। डा.संदीप ने पूछताछ के दौरान अस्पताल के पंजीकरण संबंधी दस्तावेज तो नहीं दिखाए। उल्टा खुद को पूर्व एसीएमओ का रिश्तेदार बताकर दबाव बनाने लगे। हालांकि टीम ने इन्हें भी नोटिस थमाते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है।
तीन दिन का समय फिर होगी कार्रवाई
एसीएमओ प्रशासन डा. हरपाल सिंह के अनुसार जिन चारों अस्पतालों में कमियां मिली हैं इनकों तीन दिन का समय संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं अगर निर्धारित समय में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
‘ट्रामा के ड्रामा’ अभियान में जागरण ने खोली थी पोल
दैनिक जागरण ने जिले में फर्जी तरह से चल रहे ट्रामा सेंटर और अस्पतालों की सच्चाई उजागर करने के लिए ‘ट्रामा का ड्रामा’ का अभियान चलाया था। छह दिन चले अभियान के दौरान करीब दर्जन भर अस्पतालों की अनियमितता सामने आई थी। खासकर शहर के बाहरी हिस्सों में चल रहे अधिकांश अस्पतालों में मानक फेल मिले थे।
जिले में फर्जी तरीके से बिना पंजीकरण अस्पताल लिखकर चल रही दुकानों को पकड़ने के लिए औचक निरीक्षण होते रहेंगे। नियमानुसार नोटिस भेजे जा रहे हैं, दस्तावेज न दिखा पाने पर कार्रवाई होगी। -