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कोरोना संक्रमण से काफी हद तक राहत तो मिली लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए डेंगू एक नई चुनौती बन गया है। मलेरिया ने भी तेजी से पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। एक सप्ताह से डेंगू से ग्रसित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
बरेली में डेंगू ने दो लोगों की मौत
बरेली, कोरोना संक्रमण से काफी हद तक राहत तो मिली, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए डेंगू एक नई चुनौती बन गया है। मलेरिया ने भी तेजी से पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। एक सप्ताह से डेंगू से ग्रसित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को दो और रोगियों की मौत की रिपोर्ट की गई। इस तरह अब जिले में डेंगू से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। डेंगू वायरस से ग्रसित नौ संक्रमित मिले। अब तक जिले में डेंगू के 59 संक्रमित सामने आ चुके हैं।
मेडिसिटी और एसआरएमएस में भर्ती
स्वास्थ्य विभाग ने एक अक्टूबर को मुख्यालय में संचारी रोग निदेशक को डेंगू से पीड़ित दो मरीजों की मौत की रिपोर्ट भेजी है। इसके मुताबिक जिले के लल्ला मार्केट में पाती लाल की बजरिया निवासी तीस वर्षीय सलीम सकलैनी को बुखार महसूस हुआ। जांच में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। पीलीभीत बाईपास रोड स्थित मेडिसिटी अस्पताल में उपचार के दौरान सलीम की मौत हो गई। वहीं, पिपलसाना चौधरी के भोजीपुरा निवासी 58 वर्षीय नन्ही देवी डायबिटिक और हाइपरटेंशन की मरीज थीं। 27 सितंबर को ये डेंगू की चपेट में आईं। 29 सितंबर को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई थी।
आइडीएसपी फिर फेल, दो दिन बाद हुई मौत की जानकारी
जिले में भोजीपुरा के बच्चे की डेंगू से पहली मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के आइडीएसपी प्रभारी की नाकामी के बावजूद डेंगू मरीजों का पता लगाने में हीलाहवाली बदस्तूर जारी है। शुक्रवार को स्वास्थ्य महकमे ने डेंगू से दो मौतों की रिपोर्ट एक अक्टूबर मुख्यालय को भेजी। जबकि हकीकत में दोनों केस में मरीजों ने 29 सितंबर को ही दम तोड़ दिया था। रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी है। ऐसे में आइडीएसपी प्रभारी एक बार फिर सर्विलांस में फेल नजर आ रहे हैं। क्योंकि दोनों मरीजों की मौत पता लगने में उन्हें दो दिन का समय लगा। इससे पहले भोजीपुरा निवासी राशिद बुखार पीड़ित होने पर 15 सितंबर को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में भर्ती हुआ था। 16 सितंबर को उसकी मौत हुई थी। जबकि एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट 17 सितंबर को मिली। तब भी 22 सितंबर को मौत के बारे में आइडीएसपी प्रभारी को पता लगा था।
मलेरिया के 15 और केस, छह को जानलेवा फैल्सीपेरम
शुक्रवार को जिले भर में मलेरिया की 701 जांचें की गईं। जिसमें कुल 15 मरीज मलेरिया से ग्रसित मिले हैं जिसमें छह मरीजों में फैल्सीपेरम और नौ मरीजों में प्लाज्मोडियम वाइवेक्स की पुष्टि हुई है। इस तरह कुल मरीजों की संख्या 2119 तक पहुंच चुकी है। वहीं वर्ष 2018 की बात करें तो प्रदेश भर में मलेरिया और डेंगू के केस में बरेली जिला पहले स्थान पर था। वहीं पिछले साल भी मलेरिया मरीजों की संख्या इस समय तक दस हजार के करीब थी। ऐसे में पिछले वर्षों की तुलना में वर्तमान में मलेरिया के केस कम हैं।
ओपीडी में सबसे अधिक बुखार के मरीज
कोविड की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद अब जिला अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। गौर करने वाली बात यह है कि ओपीडी में मरीजों की सबसे लंबी कतार जनरल फिजिशियन के रूम के बाहर लग रही है। शुक्रवार को कुल 1576 रोगी ओपीडी में आए, जिसमें 436 बुखार से ग्रसित मिले। वहीं, जिला अस्पताल में बनाई गई फीवर हेल्प डेस्क पर भी सुबह से मरीज परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं। डेंगू : एक वायरल बुखार है, जिसमें ठंड नहीं लगती है। यह मच्छर की मादा एडीज प्रजाति के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू में प्लेटलेट्स कम होती जाती हैं। शरीर में कहीं भी अंदरूनी स्तर पर खून की सेल टूटने लगती हैं। डेंगू में पहले बुखार आएगा, पूरे शरीर में दर्द होगा, पीठ, पेट या सिर में दर्द होगा। शरीर में चकत्ते पड़ते हैं, इसका मतलब है कि प्लेटलेट्स तेजी से कम हो जाती है। बचाव व उपचार : पानी के खुले स्त्रोत ढककर रखें। डेंगू में पानी की कमी को दूर करना है, इसलिए समय-समय पर पानी पीते रहें। लेकिन बेहिसाब पानी भी न पिएं। डेंगू के केस में एंटीबायोटिक न या कम से कम दें, क्योंकि इससे प्लेटलेट्स और कम होती हैं। मलेरिया : मलेरिया में ठंड लगकर बुखार आता है। यह मच्छर की मादा एनाफिलीज प्रजाति के काटने से होता है। ये मच्छर रात में काटता है। मलेरिया रक्त रुधिर कणिकाएं (आरबीसी) को तोड़ना शुरू कर देता है। इससे पीलिया होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। बचाव व उपचार : पानी इकट्ठा न होने दें। नाली खुली हैं तो ढकने की व्यवस्था करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें और आसपास साफ सफाई का ध्यान दें। रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं। डेंगू और मलेरिया के केसों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, जिले भर में व्यापक रूप से अभियान चलाकर अधिक से अधिक जांचें की जा रही हैं। वहीं जिन क्षेत्र में डेंगू के रोगी मिले हैं। यहां फागिग कराने के साथ अन्य निरोधात्मक कार्रवाई हो रही हैं।