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RGA news
नगर निगम की उपविधि में 105 तरह के व्यवसायों के लिए अलग-अलग शुल्क तय है। नए व्यवसायों के लिए लाइसेंस लेना ही होता है। साथ ही पुराने लाइसेंस को हर साल नवीनीकरण कराना होता है। व्यापारी इसमें रुचि नहीं दिखा रहे
व्यावसायियों की सहूलियत व निगम हित को देखते हुए 31 अक्टूबर तक छूट की तिथि बढ़ाने के लिए कहा है।
, हल्द्वानी : ट्रेड लाइसेंस बनवाने को लेकर व्यापारी रुचि नहीं दिखा रहे। दो बार मौका देने के बाद भी करीब 50 प्रतिशत कारोबारियों ने ही ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण कराया है। ऐसे में निगम प्रशासन एक माह के लिए तिथि बढ़ाने की तैयारी में है।
नगर निगम सीमा के भीतर किसी भी तरह के व्यापार के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना होता है। फिलहाल नए क्षेत्रों को इससे राहत दी गई है। पुराने शहर में सात से आठ हजार ट्रेड व्यवसायी होने का अनुमान है। इस साल अभी तक ढाई हजार लाइसेंस बने हैं। इससे निगम को 15 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। नगर निगम की उपविधि में 105 तरह के व्यवसायों के लिए अलग-अलग शुल्क तय है। नए व्यवसायों के लिए लाइसेंस लेना ही होता है। साथ ही पुराने लाइसेंस को हर साल नवीनीकरण कराना होता है। व्यापारी इसमें रुचि नहीं दिखा रहे। नगर निगम की टीम वार्डों में जाकर व्यवसायियों को प्रेरित करने में जुटी है।
निगम प्रशासन की सुस्ती का फायदा
व्यवसायी निगम प्रशासन की लापरवाही का फायदा उठाते हैं। लाइसेंस की औचक जांच करने निगम की टीम नहीं जाती। इससे व्यावसायियों में सुस्ती रहती है। पिछले साल करीब पांच हजार लाइसेंस बने। इससे निगम को 25 लाख रुपये की आय हुई थी। तय सीमा के बाद लाइसेंस बनाने पर पांच रुपये प्रतिदिन विलंब शुल्क देना होता है।
यह है ट्रेड लाइसेंस
कर अधीक्षक महेश पाठक बताते हैं कि निगम का ट्रेड लाइसेंस किसी तरह के व्यवसाय को करने की विधि मान्यता नहीं देता। यह चलायमान व्यवसाय से कर संग्रह करने की व्यवस्था है। शहर में विकास कार्य करने के दायित्वों के चलते राजस्व के स्रोत में वृद्धि करने के लिए निगम ट्रेड लाइसेंस बनाने पर जोर देता है। एक्ट के मुताबिक इसकी अवमानना करने पर आरसी जारी करने का अधिकार है।
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ट्रेड लाइसेंस काफी कम बने हैं। व्यावसायियों की सहूलियत व निगम हित को देखते हुए 31 अक्टूबर तक छूट की तिथि बढ़ाने के लिए पत्रावली तैयार करने को कहा है। जल्द ही लिखित आदेश जारी होगा।