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RGA न्यूज़
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में वर्षों से जमे कार्मिकों का तबादला करने में अफसर भी असहाय हो गए हैं। यही वजह है कि लगातार तीसरे साल भी वार्षिक तबादला आदेश ही नहीं हुए। निदेशालय में अफसर व पटल सहायक मिलकर आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
शासन ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और संबंधित पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
लखनऊ, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में वर्षों से जमे कार्मिकों का तबादला करने में अफसर भी असहाय हो गए हैं। यही वजह है कि लगातार तीसरे साल भी वार्षिक तबादला आदेश ही नहीं हुए। निदेशालय में अफसर व पटल सहायक मिलकर आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। शासन ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और संबंधित पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश में शिक्षा निदेशालय के अलावा मंडल व जिला मुख्यालयों पर समूह ग के करीब चार हजार से अधिक कार्मिक कार्यरत हैं। इनमें प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, वैयक्तिक सहायक ग्रेड एक व दो और आशुलिपिक आदि हैं।
ये कार्मिक नियमित तबादले का गुपचुप विरोध करते आए हैं, क्योंकि वे तय कार्यालयों व पदों से हटना नहीं चाहते। 2018-19 में कार्मिकों का तबादला आदेश जारी हुआ उसमें कुछ विसंगतियां थी, कार्मिकों ने उसे न्यायालय में चुनौती दी। विभाग को स्थानांतरण रद करना पड़ा। बाद में कोरोना संक्रमण की वजह से नियमित तबादले नहीं हुए। इस वर्ष शासन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर जुलाई में ही वार्षिक स्थानांतरण करने का आदेश दिया। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आठ व 14 जुलाई और 27 अगस्त को निर्देश दिया था कि कार्मिकों का तबादला माध्यमिक व बेसिक शिक्षा कार्यालय की ओर से पहले की तरह किए जाएं। अब तक इस मामले में कार्यवाही से शासन को अवगत तक नहीं कराया गया।
अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा सरिता तिवारी ने तबादला करने का आदेश दिया था लेकिन, तय समय में सूची तैयार नहीं की गई। उन्होंने दो पटल सहायकों पर कार्रवाई करने की संस्तुति की वह भी अब तक नहीं हो सकी है। अपर मुख्य सचिव ने बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में लिखा है कि स्थानांतरण सत्र 2021-22 का तय समय बीत चुका है। कई बार निर्देश देने व मुख्यमंत्री के आदेश का अनुपालन करने में घोर लापरवाही की गई है। अपर मुख्य सचिव ने अब तक की गई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट और इस मामले में बहुत देरी के लिए दोषी अधिकारी व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लेकर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए शासन को अवगत कराया जाए। इस आदेश के बाद निदेशालय में हड़कंप मचा है।