सूबे के सियासी समीकरण बदल सकती है टूंडला की किसान महापंचायत

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RGA न्यूज़

कृषि मंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री भी आएंगे भाकियू भानू की पंचायत में। प्रदेश में नाराज चल रहे किसानों के लिए बड़ी घोषणाओं की उम्मीद। कला चलो नीति पर निकले भानू गुट की नजदीकियां सरकार से लगातार बढ़ती गईं इसका परिणाम आज देखने को मिल सकता है।

टूंडला के गांव इमलिया मे होने वाली महापंचायत के लिए किसान सुबह से ही जुटने लगे हैं।

आगरा, देश में 11 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के बीच रविवार को होने वाली भाकियू भानु की महापंचायत से सूबे के सियासी समीकरण बदल सकते हैं। विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी को शांत करने के लिए सरकार कई बड़े एलान कर सकती हैं। कृषि मंत्री के बाद शनिवार की शाम उपमुख्यमंत्री का कार्यक्रम तक होने के बाद इससे आसार नजर आने लगे हैं। दोपहर में लखनऊ से लौटे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गर्मजोशी भी इस बात की उम्मीदें बढ़ा रही हैं।

प्रदेश के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान संगठनों में से एक भाकियू (भानू) के जनवरी से देश व्यापी आंदोलन से कदम वापस खींचने के बाद किसानों में दरार होने के आसार नजर आने लगे थे। आंदोलन से अलग होने के बाद टिकैत गुट के खिलाफ भानू प्रताप सिंह ने मोर्चा खोल दिया था। राकेश टिकैत और उनके संगठन को कई बार आतंकवादी और तालिबानी तक कहा। इसके साथ ही आंदोलन के तहत भारत बंद का खुलकर विरोध किया। एकला चलो नीति पर निकले भानू गुट की नजदीकियां सरकार से लगातार बढ़ती गईं। पिछले तीन महीनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ सरकार के प्रमुख मंत्रियों से उनकी मुलाकातें हुईं। 27 सितंबर को भारत बंद के विरोध के साथ भानू गुट ने तीन अक्टूबर की महापंचायत का एलान करते हुए लखनऊ में डेरा डाल दिया था। महापंचायत में शामिल होने के लिए शनिवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही का कार्यक्रम आया था। इसके बाद भी राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ में जमे रहे। रविवार को संगठन के मुख्यालय इमलिया पर होने वाली महापंचायत के लिए भानूप्रताप सिंह दोपहर तीन बजे लखनऊ से उत्साह से लबरेज होकर लौटे। इसके बाद साथियों के साथ बैठक की। उपमुख्यमंत्री के आने की सूचना से पहले ही दोपहर में किसान नेताओं ने हेलीपेड भी बनवा दिया। संगठन के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय अध्यक्ष की विस्तृत वार्ता हुई, जिसके बाद बड़ी घोषणा हो सकती है। इसमें किसान आयोग के गठन और केसीसी का लोन माफ भी शामिल हैं। राज्य सरकार किसान आयोग की केंद्र से सिफारिश का एलान कर सकती। हालांकि 75 साल से उम्र से बड़े किसानों को पेंशन का मामला फंस सकता है, लेकिन बिजली पानी और सड़क पर भी सरकार कुछ घोषणा कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार की घोषणाओं से प्रदेश के किसानों की नाराजगी कम हो सकती है। इससे विस चुनाव में किसानों को अपने पाले में मान रहे विपक्षी दलों के सियासी समीकरण बदल सकते हैं।

मुझे बिना सेना का सेनापति कहा था, अब बताऊंगा: भानु

लखनऊ से लौटे राष्ट्रीय अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने ‘जागरण’ से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ मोर्चा खोला। कहा कि उनके गुर्गों ने कहा था कि भानू प्रताप बिना सेना का सेनापति की है। अब मैं दिखाऊंगा कि भानू क्या है? टिकैत की पंचायत में हरियाणा और पंजाब के किसान आए थे, हमारी पंचायत में प्रदेश भर के किसान आएंगे।

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