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कोविड की तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण ही सबसे बड़ा हथियार है। 18 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीका लग चुका है। लेकिन काफी लोगों ने अभी तक टीकाकरण में रूचि नहीं दिखाई है। काफी लोग तो ऐसे हैं जो पहला टीका लगवाने के बाद घर बैठ गए।
कोविड की तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण ही सबसे बड़ा हथियार है।
अलीगढ़, कोविड की तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण ही सबसे बड़ा हथियार है। 18 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीका लग चुका है। लेकिन, काफी लोगों ने अभी तक टीकाकरण में रूचि नहीं दिखाई है। काफी लोग तो ऐसे हैं, जो पहला टीका लगवाने के बाद घर बैठ गए और दूसरे टीके लिए केंद्र पर लौटे नहीं। ऐसे सभी लोगों को चिह्नित कर टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। दरअसल, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार पूरे प्रदेश में 15-16 अक्टूबर से 10 दिवसीय दस्तक अभियान शुरू कर रही है। इसमें घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग होगी। डेंगू, बुखार, मलेरिया व अन्य मरीज तो तलाशे ही जाएंगे, कोविड टीकाकरण से वंचित लोगों की सूची भी तैयार होगी और उन्हें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताअों के जरिए केंद्रों पर भेजा जाएगा।
डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ करेगा सहयोग
वर्तमान में कोरोना संक्रमण को रोकने सबसे बड़ी चुनौती है। कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए यह बेहद खतरनाक है। वहीं, संचारी रोगों का प्रकोप भी थम नहीं रहा। ऐसे में सरकार अक्टूबर में विशेष अभियान पूरे प्रदेश में चलाएगी। इसमें सर्दी, जुखाम व बुखार पीड़ित, टीबी रोगी, डेंगू आदि लक्षण वाले लोगों की सूची तैयार कर सैंपल और स्लाइड तैयार किए जाएंगे। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीमें तैयार की जाएंगी। ये टीम घर-घर जाकर कोविड-19, बुखार, टीबी, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित कर सूची तैयार करेंगी। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास, शिक्षा विभाग, आइसीडीएस विभाग, नगर निकाय, वन विभाग, कृषि विभाग, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व यूनिसेफ का भी सहयोग रहेगा।
छूटे लोगों का होगा टीकाकरण
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा एमके माथुर ने कहा, दस्तक अभियान में बुखार के संदिग्ध मरीजों के साथ ही कोविड-19 टीका (प्रथम डोज) से वंचित लोगों को चिह्नित कर टीकाकरण कराया जाएगा। यह अभियान प्रत्येक गांव व वार्डों में चलेगा।