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केंद्रों की संख्या कम होने से किसान नाराज हैं। किसान सुरजीत वर्मा सुरेश तिवारी नर्मदा प्रसाद यादव मान सिंह पटेल का कहना है कि पिछले वर्ष धान खरीद के लिए 33 क्रय केंद्र बने थे। तब भी टोकन लेने के एक सप्ताह बाद धान की तौल कराई जाती थी।
पिछले वर्ष 33 क्रय केंद्र में हुई थी खरीद, इस बार महज 18 केंद्र बनाए गए
प्रयागराज, किसानों को धान की फसल का वाजिब दाम मिले इसके मद्देनजर सरकार ने इस बार कौशांबी जिले में 72 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। शासन ने एक नवंबर से धान खरीद करने का निर्देश जारी किया है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में अबकी क्रय केंद्रों की संख्या आधी कर दी गई है। पिछले साल 33 क्रय केंद्र बनाए गए थे मगर अबकी इनकी संख्या महज 18 रहेगी। साफ है कि इस बार केंद्रों की संख्या काफी कम कर दी गई। ऐसे में किसानों को धान बेचने में परेशानी होगी। साथ ही लक्ष्य के सापेक्ष खरीद कर पाना भी चुनौती साबित होगा। धान क्रय केंद्रों की संख्या कम होने से किसान परेशान हैं।
72 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित
कौशांबी जनपद की 80 फीसद आबादी कृषि पर आधारित है। धान व गेहूं मुख्य फसल है। बारिश अच्छी होने से इस बार धान की फसल का पैदावार अधिक हुआ है। जनपद के किसानों को धान का वाजिब दाम देने के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया है। इस बार 1940 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से धान की खरीदारी की जाएगी। जिले में 72 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। शासन के निर्देश के बाद धान खरीद की तैयारी जिला प्रशासन व विपणन विभाग ने शुरू कर दी है। जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने 18 क्रय केंद्र भी निर्धारित कर दिया है, जबकि पिछले वर्ष धान खरीद के लिए 33 क्रय केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों की संख्या कम होने से किसानों में नाराजगी हैं। किसान सुरजीत वर्मा, सुरेश तिवारी, नर्मदा प्रसाद यादव, मान सिंह पटेल का कहना है कि पिछले वर्ष धान खरीद के लिए 33 क्रय केंद्र बनाए गए थे। तब भी टोकन लेने के एक सप्ताह बाद धान की तौल कराई जाती थी। इस बाद क्रय केंद्रों की संख्या काफी कम हो गई है। इससे किसानों को धान बेचने में परेशानी होगी। इस बार पैदावार अधिक हुई है। इसके मद्देनजर क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 35 किया जाए। समर्थ किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोनी समेत अन्य किसानों ने जिला प्रशासन ने केंद्रों की संख्या बढ़ाने की मांग की है।
सुनिए किसानों की बात
इस वर्ष धान की फसल का उत्पादन अच्छा हुआ है, लेकिन पिछले वर्ष के सापेक्ष क्रय केंद्रों की संख्या काफी कम कर दी गई। ऐसे में किसानों को धान बेचने में परेशानी होगी।
शिवभान सिंह, किसान
पिछले वर्ष धान खरीद के लिए 33 क्रय केंद्र गनाए गए थे। तब भीटोकन लेने के एक पखवारे के बाद धान की तौल कराई गई थी।
इस बार केंद्रों की संख्या काफी कम कर दी गई है। इस बार तो धान बेंचना मुश्किल होगा।
सुनील कुमार, किसान
गांव से केंद्र काफी दूर बनाया गया है। ऐसे में धान की उपज को वहां पर पहुंचने में परेशानी होगी। यदि ग्राम पंचायत म्योहर में क्रय केंद्र खोल दिया जाए तो क्षेत्र के किसान आसानी से धान की बिक्री कर सकेंगे।
राजबहादुर, किसान
शासन के निर्देश पर धान खरीद केंद्र तो खोले जाते हैं, लेकिन कुछ केंद्रों में धान खरीद में गड़बड़ी की जाती है। इसमें किसानों के अलावा व्यापारियों के धान की खरीद की जाती है।