जानिए,वो तीर्थ स्थान जहां पिण्ड दान करने से मिलती है पितरों को मुक्ति

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

Pilgrimages of Pind Daan पितर पक्ष को पिण्ड दान करने के लिए सबसे उत्तम काल माना जाता है। क्योंकि अश्विन मास का कृष्ण पक्ष पूरी तरह से पितरों के लिए ही समर्पित होता है। शास्त्रों में पिण्ड दान करने के लिए 55 स्थानों का उल्लेख है

जानिए,वो तीर्थ स्थान जहां पिण्ड दान करने से मिलती है पितरों को मुक्ति

Pilgrimages of Pind Daan: सनातन परंपरा के अनुसार पितर पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध और पिण्ड दान किया जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद भी हमारे पूर्वजों की आत्माएं पितृ लोक में वास करती है तथा उन्हें मुक्ति तब तक नहीं मिलती जब तक उनके निमित्त पिण्ड दान नहीं किया जाता है। पितर पक्ष को पिण्ड दान करने के लिए सबसे उत्तम काल माना जाता है। क्योंकि अश्विन मास का कृष्ण पक्ष पूरी तरह से पितरों के लिए ही समर्पित होता है। शास्त्रों में पिण्ड दान के लिए 55 स्थानों का उल्लेख है। हम आपको उनमें से कुछ विशेष स्थानों के बारे में बता रहे हैं जहां जा कर आप अपने पूर्वजों का पिण्ड दान आसानी से कर सकते हैं....

1-गया जी – बिहार राज्य में फल्गू नदी के तट पर बसा गया धाम श्राद्ध और पिण्ड दान कर्म के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस क्षेत्र में पिण्ड दान करने से पितरों को मुक्ति मिलती ह

2- प्रयागराज – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम क्षेत्र में भी पिण्ड दान किया जाता है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होने के कारण यहां का पिण्ड दान उत्तम माना गया है।

3- काशी – उत्तर प्रदेश के बनारस या काशी को मोक्ष नगरी कहा जाता है। यहां के पाप मोचन कुण्ड पर त्रिपिण्डी श्राद्ध का विधान है, अकाल मृत्यु मरने वालों का पिण्ड दान विशेष रूप से यहां किया जाता ह

4- उज्जैन – मध्य प्रदेश में स्थित महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर पिण्ड दान किया जाता है।

5- हरिद्वार – उत्तराखंड़ के हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर पौड़ी में पिण्ड दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

6- बद्रीनाथ – बद्रीनाथ का ब्रह्मकपाल क्षेत्र, जो कि अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यहां पिण्ड दान करने से बैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है।

7- पुष्कर – राजस्थान में पुष्कर तीर्थ का ब्रह्म सरोवर श्राद्ध कर्म करने के लिए प्रसिद्ध 

8- नासिक – महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी के तट पर श्राद्ध करने से त्रयंबकेश्वर भगवान शिव, मुक्ति प्रदान करते हैं।

9- द्वारिका – श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका, गुजरात में पिण्डारक नामक तीर्थ क्षेत्र में पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है।

10- लक्ष्मण बाण – कर्नाटक में स्थित ये स्थान रामायण कालीन है। माना जाता है यहां पर भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का पिण्ड दान किया था।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.