लखनऊ शूटआउट में सबसे बड़ा खुलास…नशे में थे दोनों पुलिस कांस्टेबल और मार दी विवेक को गोली

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RGA न्यूज़

लखनऊ:- पुलिस की तय कार्यशैली के तहत पीड़ित और आरोपी का तुरंत मेडिकल कराना होता है। लेकिन, विवेक तिवारी के हत्यारे सिपाहियों का मेडिकल कराने में पुलिस ने आठ घंटे लगा दिये। घटना शुक्रवार रात 2 बजे हुई जबकि गोमतीनगर पुलिस ने सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार का मेडिकल शनिवार सुबह करीब 10 बजे कराया।
 लोगों का आरोप है कि दोनों सिपाही शराब के नशे में चूर थे। इसलिए पुलिस ने उनका मेडिकल आठ घंटे की देरी से कराया ताकि उनके नशे में होने की पुष्टि न हो सके। पीड़ित परिवार की मामले की जांच की मांग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी। वहीं लखनऊ शूटआउट के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और सपा ने इस घटना को प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था की निशानी बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने इस पूरी घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के शहडोल में लखनऊ की वारदात को जंगलराज का नतीजा करार देते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। चौधरी ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ों को जायज ठहराने वाले मुख्यमंत्री योगी की भाषा इस मुद्दे को लेकर बेहद दम्भ भरी और जहर बुझी है, जिससे पुलिस का दुस्साहस बढ़ रहा है।राज्यपाल राम नाईक भी कानून-व्यवस्था में सुधार की बात कहते हैं, मगर सुधार नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। वहीं प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार ने भी इस घटना के लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश में बेलगाम हो रही सत्ता का चरित्र उजागर करती है। कुमार ने कहा कि गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खात्मे का नारा देकर प्रदेश की सत्ता में आई भाजपा का चरित्र धीरे-धीरे बेनकाब हो रहा है।पुलिस का चरित्र बदल रहा है, जिसके कंधों पर समाज की सुरक्षा की जवाबदेही है। मुख्यमंत्री गृह विभाग की भी जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं, लिहाजा नैतिकता के आधार पर उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वारदात में मारे गए तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है।
इसी बीच डीएम ने कहा कि परिवार की सभी मांगे पूरी की गई हैं, उन्होंने परिजनों को 25 लाख रुपये और पत्नी को नौकरी देने का ऐलान किया। साथ ही डीएम ने मामले की जांच अगले 30 दिनों में पूरी होने की सांत्वना भी दी।

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