बिल्डिंग मैटीरियल शाप कुर्क करने पर जिलाधिकारी जौनपुर से जानकारी तलब

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RGA न्यूज़

श्रीमती रीना यादव के पति नगर पंचायत खेतासराय के तीन बार सभासद रहे हैं। उनका एसएन श्रीवास्तव से विवाद हो गया। इनके रिश्तेदार अजय कुमार श्रीवास्तव शाहगंज के सीओ है। 24 फरवरी 2019 को याची के खिलाफ गिरोहबंद कानून के तहत एफआइआर दर्ज कराई

हाई कोर्ट ने कहा कि डीएम जौनपुर के कुर्की आदेश में बिल्डिंग का नहीं है जिक्र

प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंग्स्टर एक्ट की कार्यवाही में जय श्रीकृष्ण विल्डिंग मैटीरियल शाप को कुर्क करने पर जिलाधिकारी जौनपुर व एसडीएम शाहगंज से जानकारी मांगी है। याची का कहना है कि शाप जिलाधिकारी द्वारा जारी गैंग्स्टर संपत्ति सूची में शामिल नहीं है। इसके खिलाफ प्रत्यावेदन देने पर भी सुनवाई नहीं होने पर यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका की सुनवाई सात अक्टूबर को होगी।

भाई से विवाद पर सीओ ने फंसाया

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति राम कृष्ण गौतम की खंडपीठ ने श्रीमती रीना यादव की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आरएन यादव व अभिषेक यादव ने बहस की। इनका कहना है कि याची के पति नगर पंचायत खेतासराय के तीन बार सभासद रहे हैं। उनका एसएन श्रीवास्तव से विवाद हो गया। इनके रिश्तेदार अजय कुमार श्रीवास्तव शाहगंज के सीओ है। 24 फरवरी 2019 को याची के खिलाफ गिरोहबंद कानून के तहत एफआइआर दर्ज कराई। हाई कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके बाद थाना प्रभारी ने संपत्ति की कुर्की कार्यवाही रिपोर्ट दी। जिलाधिकारी ने सात अगस्त 2020 को कुर्की आदेश जारी किया है। सूची में शामिल नहीं होने के बावजूद शाप की कुर्की की जा रही है।

पुलिस ने खीझकर लिखा गैंगस्टर एक्ट का केस

मालूम हो कि अशोका ले-लैंड गाड़ी में देशी शराब पकड़ी गई थी। उसके सामने प्रवीण कुमार की स्कार्पियो गाड़ी थी। 40 लाख रुपये की शराब बरामद की गई। 10 जुलाई 2018 को एफआइआर दर्ज कराई गई और एक्साइज एक्ट में भी कार्यवाही की गई। याची के पति से कोई सरोकार नहीं होने के बावजूद आरोपी बनाया गया। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने तक हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। खीझ कर गैंग्स्टर एक्ट की एफआइआर दर्ज कराई गई। इसमें भी याची के पति की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।इसके बाद कुर्की कार्यवाही की गई है। उस संपत्ति को भी कुर्क कर लिया गया जिसका डीएम के आदेश में उल्लेख नहीं है। इसे चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने सरकारी वकील से 21 सितंबर को 28 सितंबर तक जानकारी मांगी। 28 सितंबर को सरकारी वकील ने फिर से समय मांगा। जिस पर कोर्ट ने सात अक्टूबर को जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।

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