मुरैना में दुर्घटना में घायल अलीगढ़ के सिपाही रामकुमार ने भी दम तोड़ा, मरने वालों की संख्या पांच हुई

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RGA न्यूज़

अछनेरा के गांव नागर के रहने वाले रामकुमार वर्ष 2015 बैच के सिपाही थे। सिकंदरा हाईवे स्थित अस्पताल में इलाज के दौरान आधी रात को हुई मौत। दुर्घटना में आगरा के ही कागारोल थाने के गांव खेड़िया निवासी सिपाही पवन की भी मौत हुई है।

कागारौल के रहने वाले सिपाही पवन कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते राज्‍यमंत्री चौ. उदयभान 

आगरा,मुरैना के बानमौर में सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल अलीगढ़ के थाना इगलास में तैनात सिपाही रामकुमार ने भी इलाज के दौरान आधी रात को दम तोड़ दिया। हादसे में मरने वालों की संख्या अब पांच हो गई है। दबिश देने जा रही इगलास पुलिस की जीप मुरैना के बानमोरा में ट्रक में घुस गई थी। जिसमें उप निरीक्षक व चालक समेत चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। सिपाही रामकुमार को गंभीर हालत में आगरा के सिकंदरा हाईवे स्थित अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां इलाज के दौरान बुधवार की आधी रात को उनकी मौत हो गई। दुर्घटना में आगरा के ही कागारोल थाने के गांव खेड़िया निवासी सिपाही पवन की भी मौत हुई है। उन्‍हें बुधवार रात अंतिम विदाई देने राज्‍यमंत्री चौ. उदय भान सिंह भी पहुंचे थे।  

अछनेरा के गांव नागर निवासी रामकुमार वर्ष 2015 बैच के सिपाही थे। उनके पिता राजवीर सिंह एसएन मेडिकल कालेज में कर्मचारी हैं। रामकुमार दो भाइयों में बड़े हैं। छोटे भाई अशोक कुमार भी एसएन मेडिकल कालेज में संविदा पर कार्यरत हैं। रामकुमार की शादी नौ साल पहले अकोला ब्लाक के गांव नगला महानंद निवासी गुड़िया से हुई है। उनके तीन बच्चे हैं। सात साल की बेटी प्राची, चार साल की बेटी परी व पांच महीने का बेटा कृष्णा है।  स्वजन ने बताया कि रामकुमार का पांच महीने का बेटा कृष्णा बीमार हो गया था। उसके इलाज के लिए वह पांच दिन का अवकाश लेकर आए थे। बेटे के इलाज के लिए रामकुमार भागदौड़़ करते रहे थे। उसकी हालत में सुधार होने पर वह चार अक्टूबर की सुबह ही ड्यूटी पर लौटे थे। रामकुमार ने मंगलवार की रात को पत्नी से फोन पर बात करके बेटा का हाल पूछा था। बुधवार की सुबह दुर्घटना में उनके घायल होने की खबर स्वजन को मिली। जिसके बाद वह सीधे मुरैना रवाना हो गए। तीसरे पहर करीब साढे तीन बजे रामकुमार को आगरा लेकर पहुंचे, यहां उन्हें सिकंदरा हाईवे स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां पर चिकित्सकों ने रामकुमार को बचाने के भरसक प्रयास किए। मगर, वह बुधवार आधी रात को जिंदगी की जंग 

पत्नी और बच्चों को नहीं मौत की खबर देने का साहस नहीं जुटा सके ग्रामीण

सिपाही रामकुमार के स्वजन शाम से ही अस्पताल में जुट गए थे। वह चिकित्सकों को उनके पांच महीने के बेटे का हवाला दे रहे थे। पत्नी और बच्चे उनके जीवन को लेकर प्रार्थना कर रहे थे। वह पल-पल रामकुमार की हालत में सुधार को लेकर स्टाफ से अपडेट ले रहे थे। आधी रात को रामकुमार की मौत की खबर स्टाफ ने उनके भाई को इसकी जानकारी दी। अस्पताल में मौजूद ग्रामीणों और स्वजन उनकी पत्नी व मां को मौत की खबर देने का साहस नहीं जुटा सके।

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