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RGA न्यूज़
सिकंदरा थोक फल एवं सब्जी मंडी में छोटी दुकान की कीमत 4.80 लाख और बड़ी की कीमत थी नौ लाख रुपये। नौ लाख रुपये की दुकान 96 लाख रुपये में हुई नीलाम। कुल 41 दुकानों के लिए पहुंचे थे 36 आवेदक।
सिकंदरा मंडी में दुकानों की नीलामी करा दी गई है।
आगरा, सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी की दुकानों की नीलामी बुधवार को हुई। 41 दुकानों की नीलामी के लिए 36 आवेदक थे। पिछली नीलामी के बाद निरस्त हुई बहुचर्चित 284 नंबर दुकान के लिए इस बार भी बाेली की तनातनी हुई और अधिकतम बोली 96 लाख रुपये तक पहुंची। पिछली नीलामी में 284 नंबर दुकान के लिए सवा तीन करोड़ रुपये तक बोली लग चुकी है। धनराशि जमा नहीं करने के कारण निरस्त हो गई थी।
कानपुर हाईवे स्थित गल्ला मंडी में सिटी मजिस्ट्रेट एके सिंह, एडीएम प्रोटोकाल हिमाशु गौतम, उप निदेशक मंडी शिवमंगल सिंह चंदेल, मंडी सचिव शिवकुमार राघव की मौजूदगी में नीलामी प्रक्रिया आयोजित की गई। सी श्रेणी की छोटी और बड़ी दुकानों के लिए 36 आवेदन आए थे, जिनके लिए बोलियां लगीं। 284 नंबर दुकान के लिए करारा ट्रेडिंग कंपनी और संजय ट्रेडिंग कंपनी के बीच नौ लाख रुपये प्रीमियम की दुकान के लिए साढ़े नौ लाख रुपये से बोली प्रतिस्पर्धा शुरू हुई। एक-एक लाख रुपये बढ़ते हुए 96 लाख रुपये तक बोली पहुंच गई। इसमें करारा ट्रेडिंग कंपनी ने बाजी मार ली। मंडी में 284 नंबर दुकान प्रतिष्ठा बनी हुई है। इसमें एक पूर्व जनप्रतिनिधि के स्वजन तो सब्जी मंडी के मुखिया में जमकर प्रतिस्पर्धा है। वहीं अन्य दुकानों के लिए भी बोलियां लगी, जो प्रीमियम के आस-पास ही रहीं। न्यूनतम बोली 10.10 लाख रुपये तक पहुंची। मंडी सचिव शिवकुमार राघव ने बताया कि 28 दुकानों का आवंटन हो गया है। आवंटियों को 15 दिन के अंदर आवंटन पत्र जारी कर दिए जाएंगे। दुकान स्वामियों को आवंंटन पत्र प्राप्त करने के 15 दिन के अंदर उच्चतम बोली की आधी धनराशि जमा करानी होगी। शेष धनराशि तीन महीने के अंदर जमा करानी होगी। बची हुई दुकानों के लिए पुन: प्रक्रिया कराई
पंजीकरण धनराशि में कर दिया इजाफा
सी श्रेणी छोटी दुकान की न्यूनतम प्रीमियम 4.80 लाख रुपये और चार लाख रुपये पंजीकरण धनराशि थी। वहीं बड़ी दुकान की न्यूनतम प्रीमियम नौ लाख रुपये और पंजीकरण धनराशि आठ लाख रुपये थी। गत नीलामी में अधिकतम बोली सवा तीन करोड़ तक पहुंचने पर पंजीकरण धनराशि काे दुकान की कीमत के 10 फीसद से बढ़ाया गया है।
इन श्रेणी की थी दुकानें
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नीलामी में एससी के लिए आठ, ओबीसी के लिए आठ, एसटी के लिए दो, अनारक्षित 16 दुकानें थीं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए पांच, एक एससी दिव्यांग और एक ओबीसी दिव्यांग के लिए थीं।