समीक्षा अधिकारी से धोखाधड़ी करने वाले शख्स को पांच साल कैद की सजा

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RGA न्यूज़

कोर्ट ने कहा कि आरोपित के विरुद्ध अभियोजन पक्ष आरोप संदेह से परे साबित करने में सफल रहा है। वादी मुकदमा से छल करके उसके द्वारा दी गई धनराशि को सौदा रद होने के बावजूद अपने उपयोग में आरोपित राजेश प्रताप सिंह द्वारा किया गया

प्रयागराज की कोर्ट ने आरोपित पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाय

प्रयागराज, हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी के साथ लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोपित राजेश प्रताप सिंह को अदालत ने पांच वर्ष की कैद एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने समीक्षा अधिकारी अंकुर मालवीय के अधिवक्ता एचआर वर्मा, अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी तथा आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद फैसला सुनाया।

चेक लगाकर हड़प ली थी रकम

इस मामले में कोर्ट ने कहा कि आरोपित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 एवं 406 के अंतर्गत अभियोजन पक्ष आरोप संदेह से परे साबित करने में सफल रहा है। वादी मुकदमा से छल करके उसके द्वारा दी गई धनराशि को सौदा रद होने के बावजूद अपने उपयोग में आरोपित राजेश प्रताप सिंह द्वारा किया गया, इसलिए आरोपित दंडित किए जाने के योग्य है। हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी अंकुर मालवीय ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अलोपीबाग में मकान खरीदने के लिए उसने राजेश प्रताप सिंह से एक एग्रीमेंट किया था। पचास हजार रूपये चेक में एग्रीमेंट में दर्शाया गया। मकान का सौदा 40 लाख रुपए में तय हुआ और खरीदने के लिए एलआईसी से 30 लाख रूपये का लोन भी स्वीकृत हो गया था।

24 जुलाई 2015 को मकान का एग्रीमेंट तैयार हुआ, जिसमें अंकुर ने राजेश प्रताप सिंह को साढ़े नौ लाख रूपये दिए जाने के बाबत पूरी बात लिखी। 24 जुलाई 2015 को राजेश के घर एग्रीमेंट देने गया तो वह घर पर नहीं मिले। 25 जुलाई 2015 को राजेश वादी के घर स्वयं आया मगर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद अभियुक्त ने धोखाधड़ी करते हुए चेक को अपने खाते में लगा दिया। फिर न तो राजेश प्रताप ने मकान का सौदा पूरा किया और न पैसे ही वापस लौटाए।

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