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RGA न्यूज़
शारदीय नवरात्र के समापन के साथ ही जिले के पोखर और नदियां प्रवासी पक्षियों से गुलजार होने लगेंगे। नाथनगरी की धरती विदेशी पक्षियों के स्वागत के लिए तैयार हो गई है। वन अधिकारी उन पक्षियों की निगरानी के लिए तैयारी में जुट गए हैं।
बरेली, शारदीय नवरात्र के समापन के साथ ही जिले के पोखर और नदियां प्रवासी पक्षियों से गुलजार होने लगेंगे। नाथ नगरी की धरती विदेशी पक्षियों के स्वागत के लिए तैयार हो गई है। वन अधिकारी उन पक्षियों की निगरानी के लिए तैयारी में जुट गए हैं। वन विभाग के मुताबिक विदेशी पक्षियों से रुहेलखंड जोन के वेटलैंड्स जल्द गुलजार होंगे। इसके संकेत भी दिखाई देने लगे हैं। वहीं पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगे लाकडाउन में पक्षियों को बेहतर वातावरण मिला। लाकडाउन के कारण वेटलैंड्स में मानव का हस्ताक्षेप नहीं हुआ। इससे उनकी जनसंख्या में वृद्धि हुई। साथ ही प्रदूषण भी न मात्र के बराबर रहा। इससे पक्षियों को सुखद माहौल मिला
प्रवासी पक्षियों के पंसदीदा स्थान : वन विभाग रिकार्ड के मुताबिक बरेली में रामगंगा के आसपास 15 से 20 जगह पोखर हैं। जहां प्रवासी पक्षियों को देखा जाता है। इसके अलावा अखा और भोजीपुरा गांव में तालाब है। जहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। बिलपुर का पुल पार करते स्थित पोखर व मीरगंज में रामगंगा नदी किनारे भी प्रवासी पक्षी रंग-बिरंगे देखे जा सकते हैं। इफ्को आंवला झील में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी नवंबर से आ जाते हैं, जो फरवरी तक यहां रहते हैं।
यहां से आते हैं प्रवासी पक्षी : हिमालय, तिब्बत, श्रीनगर, यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, साइबेरिया, चीन, लद्दाख, तिब्बत आदि जगह से खूबसूरत रंग- बिरंगे पक्षी आते हैं।
चार-पांच महीने को यहां आती हैं 100 से अधिक प्रजाति : ब्लैक आइज, येलो लांग टेल, स्पाट विल्ड डक, ब्लैक डक, रेड क्रस्टेड पोचर्ड, ग्रे लेग गूस, ब्राउन काक, बार हेडेड गूस, टस्टेड डक, कामन टेल, पिन टेल, ब्राम्हमनी डक, कूट, पिकाक हेन, रेड लेग आदि 100 से अधिक प्रजाति के पक्षी नाथ नगरी में आते हैं।
प्रवासी पक्षियों की निगरानी को बनेंगी टीमें : वन विभाग ने पिछले वर्ष जिन स्थानों पर प्रवासी पक्षियों को देखा गया था। वहां मानिटरिंग के लिए टीमें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आसपास के इलाके में पक्षियों को की देखरेख के लिए पक्षी मित्र भी बनाए जाएंगे। मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार ने बताया कि ठंड का मौसम शुरु होते ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। रुहेलखंड जोन में काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं, जो तीन से चार महीने तक रहते हैं। उनकी निगरानी के लिए रेंजर्स के नेतृत्व में टीमें बनाई जाएंगी। पोखरों आदि के आसपास इलाकों में पक्षी मित्र भी बनाए जाएंगे। जिससे प्रवासी पक्षियों की सही तरह से देखभाल की जा सके।