RGA न्यूज़
अलीगढ़ अन्नदाता किसान पहले से ही सूखा बारिश व अनाज की सस्ती कीमतों से परेशान है। अब कुछ सालों से छुट्टा गोवंश भी इनकी बदहाली में कोढ़ में खाज सरीखी हो गई है। जिले के अधिकतर गांव में इन दिनों छुट्टा गोवंश का आतंक है।
निराश्रित गोवंश किसान की मेहनत पर पानी फेर रहे।
अलीगढ़,अन्नदाता किसान पहले से ही सूखा, बारिश व अनाज की सस्ती कीमतों से परेशान है। अब कुछ सालों से छुट्टा गोवंश भी इनकी बदहाली में कोढ़ में खाज सरीखी हो गई है। जिले के अधिकतर गांव में इन दिनों छुट्टा गोवंश का आतंक है। किसान रात-रात भर जगकर अपनी फसलों की रखवाली करते हैं, लेकिन जरा सी चूक होने पर पर गोवंश फसलों को बर्बाद कर देते हैं। किसानों का दावा है कि एक चौथाई फसल तो छुट्टा गोवंश के चलते खेतों में ही नष्ट हो जाती है।
चार साल में बनीं 140 गोशालाएं
जिले में 162 गोशालाएं हैं। इसमें 140 के करीब गोशालाएं योगी सरकार के कार्यकाल में बनवाई गई हैं। चार वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में गोशाला बनना एक नजीर है। इनमें कुल 23,500 पशु हैं। सरकार की ओर से प्रति पशु 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिए जाते हैं। इस हिसाब से जिले में प्रतिदिन सात लाख पांच हजार रुपये पशुओं के चारा-पानी और देखरेख में खर्च होते हैं, लेेकिन इसके बाद भी तमाम गोवंश गोशालाएं से बाहर घूम रहे हैं। यह किसानों की फसलों को नुकसान करते हैं।
एक चौथाई फसल हो जाती है नष्ट
छुट्टा गोवंश की संख्या गांव देहात में इतनी है कि किसानों से चूक होते ही एक-एक खेत में दर्जनों गोवंश घुस जाते हैं। यह थोड़े से समय में ही फसल का साफ कर देते हैं। किसानों का दावा है कि अगर रखवाली में थेाड़ी सी लापरवाही हो जाए तो एक चौथाई फसल भी घर नहीं अा पाती है। अब किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
इनका कहना है
गांव में बड़ी संख्या में छुटटा गोवंश घुम रहें हैै। छुटटा गोवंशों से दिन रात फसल की रखवाली करनी पडती है, अगर फसल न रखाई जाए तो फसल का एक हिस्सा बर्बाद कर देते है। इस समस्या का निदान होना चाहिए।
-अरविंद शर्मा, साथा
गांव के समीप ही करीब साढ़े चार सौ बीघा वन विभाग की जमीन है। इसमें कांटेदार बबूल के पेड़ हैं। हजारों आवारा गायें रहती हैं। किसान अपनी फसल को बचाने के लिए पूरी रात जागते हैं। कई बार शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
-मुकेश शर्मा, गाजीपुर
छुट्टा गोवंश हमारी फसल को बर्बाद कर रहे है और रात या दिन में अचानक सड़क पर आ जाने से हादसे भी हो जाते हैं। प्रशासन को इसका समाधान होना चाहिए। मुसीबत बढ़ती ही जा रही है।