टला नहीं कोरोना का खतरा, इसलिए त्योहारों पर फिर हुई जरूरी, दो गज की दूरी

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RGA न्यूज़

कोरोना के मामले पूरी तरह थमे नहीं है। अलीगढ़ में ही 20 दिन के भीतर तीन कोरोना के नए मरीज सामने आए। यह स्थिति दूसरे जनपदों में भी सामने आ रही है। इससे साफ है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।

सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।

अलीगढ़, कोरोना के मामले पूरी तरह थमे नहीं है। अलीगढ़ में ही 20 दिन के भीतर तीन कोरोना के नए मरीज सामने आए। यह स्थिति दूसरे जनपदों में भी सामने आ रही है। इससे साफ है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। यदि लापरवाही बरती गई तो कोरोना की लहर त्योहार में खलल डाल सकती है। इसे रोकने के लिए त्योहार पर भी मास्क, सैनिटाइजर पर दो गज की शारीरिक दूरी बहुत जरूरी है। 18 साल की उम्र वाले जल्द से जल्द कोविड का टीका लगाए।

प्रोटोकाल के तहत मनाएं त्‍योहार

सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि आने वाले चार से पांच माह में देश व प्रदेश में त्योहारों की धूम रहेगी। दशहरा, दीपावली व भैया दूज और ईद मिलाद-उन-नबी अथवा क्रिसमस डे जैसे बड़े पर्व इस दौरान मनाए जाएंगे। इन त्योहारों को विशेषकर अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परंपरा रही है, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए इसमें विशेष सावधानी बरतने और परंपराओं में कुछ जरूरी बदलाव लाने की भी जरूरत है। कोरोना प्रोटोकाल के तहत अगर त्योहार मनाएं जाएंगे तो इनका रंग आगे भी बरकरार रहेगा। इसी के साथ समुदाय को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी महफूज बनाया जा सके

टीका भी ही बहुत जरूरी

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एमके माथुर का कहना है कि इसके लिए जरूरी है कि अगर आप 18 साल के हैं और अभी तक कोविड का टीका नहीं लगवाया है तो बिना समय खराब किए जल्द से जल्द टीका लगवा लें। त्योहारों की धूम में भी मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता को न भूलें, ताकि कोरोना की तीसरी लहर जैसी स्थिति उत्पन्न ही न हो। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा कोरोनारोधी टीका लगाया जा रहा है। 45 पार व 60 साल से ऊपर के गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को टीका लगाना अति आवश्यक है । ऐसे लोगों को कोविड-19 के प्रति कोविड के प्रोटोकाल का पालन करना भी ज्यादा जरूरी हैं

लंबी यात्रा व भीड़भाड़ से बचें

जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि सभी लोग खास सतर्कता बरतें और कोशिश करें कि इस दौरान छोटे बच्चों को साथ लेकर लंबी यात्रा न करें। संभावित तीसरी लहर का सबसे अधिक असर उन्हीं पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। हम सभी ऐसा उपाय करें कि देश में तीसरी लहर की स्थिति ही न बन सके। बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों को तो खास तौर पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे पूजा पंडाल और मेला आदि में शामिल होने से बचना चाहिए, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते संक्रमण की जद में जल्दी आने की संभावना रहती है।

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