दशहरा पूजन में होगी शक्ति, ऊर्जा और ज्ञान की प्राप्ति, आइए जानें पूजन का क्‍या है सही समय

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RGA न्यूज़

शस्त्र और शास्त्र पूजा से होती है शारीरिक और आंतरिक सुरक्षा की प्राप्ति। दशमी तिथि पर बन रही है मकर राशि में तीन ग्रहों की युति। दशहरा पर चंद्रमा स्वयं के श्रवण नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र की देवी ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती हैं।

आगरा में आज दशहरा पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी है।

आगरा, शारदीय नवरात्रि संपन्न होने पर शुक्रवार को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। यह शक्ति, ऊर्जा और ज्ञान प्राप्ति का दिन है। इस दिन शस्त्र और शास्त्र पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि शस्त्र पूजा से चारों दिशाओं से वाह्य सुरक्षा (शारीरिक सुरक्षा) और शास्त्रों की पूजा से आंतरिक सुरक्षा प्राप्त होती है।

दशहरा पर्व आश्विन मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाते हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष दशमी तिथि 15 अक्टूबर को है। भगवान श्रीराम ने विजयी दशमी पर ही बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था, मां दुर्गा ने भी इसी दिन महिसासुर का वध किया था। विद्यार्थी, लेखक और ज्ञान प्रदाता विजयी दशमी पर अपनी लेखनी (कलम) का पूजन शस्त्र रूप में कर समाज को उद्देश्यपूर्ण दिशा प्रदान का संकल्प लेते हैं

यह है शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि दशहरा पर चंद्रमा, स्वयं के श्रवण नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र की देवी ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती हैं। इसलिए विजय मुहूर्त में दशहरा पूजन से मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। दशमी तिथि पर मकर राशि में तीन ग्रहों की युति बन रही है। पंचांग अनुसार दोपहर दो बजकर दो मिनट से दोपहर दो बजकर 48 मिनट तक विजय मुहूर्त योग होगा। दशमी तिथि, शुभ कार्यों के लिए उत्तम है, यह गुरुवार शाम छह बजकर 52 मिनट से शुक्रवार शाम छह बजकर दो मिनट तक रहेगी। वहीं अपर्णा पूजा मुहूर्त दोपहर एक बजकर 16 मिनट से तीसरे पहर तीन बजकर 34 मिनट तक रहे

तीन अन्य शुभ योग

- रवि योग गुरुवार शाम नौ बजकर 34 मिनट से शुक्रवार सुबह नौ बजकर 31 मिनट तक।

- सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार सुबह छह बजकर दो मिनट से सुबह नौ बजकर 15 मिनट तक।

- कुमार योग सूर्योदय से लेकर सुबह नौ बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

बच्‍चे रावण बनाने में जुटे

पिछले वर्ष दशहरा के दौरान कोरोना काल चल रहा था इसलिए बच्‍चे कुछ खास नहीं कर पाए थे। इस बार सुबह से ही कालोनियों में उत्‍साह नजर आ रहा है। बच्‍चे शाम को रावण का दहन करने के लिए पुतला बनाने में व्‍यस्‍त नजर आ रहे हैं। रंगीन कागजों के जरिए पुतले को सजाया जा रहा है। इधर आतिशबाजी पर प्रतिबंध होने के कारण पटाखों का इंतजाम करने में थोड़ी दिक्‍कत आ रही है। ज्‍यादतर लोग घर में पुराने रखे पटाखों से काम चला रहे हैं। 

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