टैक्स दर घटने से सस्ता होगा आयातित तेल, त्योहार पर मिलेगी राहत

harshita's picture

RGA न्यूज़

इस समय सेरसों के तेल और रिफाइंड तेल की कीमतें ेबढ़ी हुई हैं।

टैक्स दर घटने से सस्ता होगा आयातित तेल, त्योहार पर मिलेगी राह

कानपुर, पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर कृषि उपकर और कस्टम ड्यूटी में कमी से कारोबारी काफी उत्साहित हैं। कारोबारियों के मुताबिक इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि इस समय रिफाइंड और सरसों दोनों के तेल कीमतें बहुत बढ़ी हुई हैं। आयातित तेल की आवक से तेल की मात्रा बढ़ेगी जिसका प्रभाव कीमतों पर होगा। त्योहार के मौके पर इसका कीमतें नीचे आएंगी।

देश में पिछले कुछ माह में तेल की कीमतों में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। सरसों में जब से ब्लेंडिग बंद हुई है, तब से सरसों के तेल की कीमतें काफी ज्यादा हो गई है। इस समय ब्रांडेड सरसों का तेल 190 रुपये से 200 रुपये लीटर हैं। वहीं रिफाइंड की कीमत 170-180 रुपये के करीब है। आयातित तेल से ही वनस्पति तेल भी बनाए जाते हैं, जिनकी त्योहार के मौके पर काफी मांग होती है। इसलिए कीमतों में कमी होगी

पाम आयल, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर कृषि उपकर व कस्टम ड्यूटी घटने से खाद्य तेलों में महंगाई कम होगी। खाद्य तेलों के साथ आयातित तेलों से वनस्पति तेल भी बनता है।

- रवि गुप्ता, तेल मिल संचालक।

कृषि उपकर व कस्टम ड्यूटी घटने से खाद्य तेलों व वनस्पति तेल में कीमतें घटेंगी। इसके साथ ही व्यापार भी बढ़ेगा। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। केंद्र सरकार का यह कदम जनता के हित मेंकारोब

- संतोष मित्तल, तेल कारोबार

बाजार में पिछले कुछ माह से जिस तरह से तेलों की कीमतें बढ़ रही थीं। इस तरह की राहत की बहुत ज्यादा जरूरत थी। अब जैसे ही आयातित तेल कम टैक्स दर पर आएगा, देश में तेल की कीमतें कम होने लगेंगी।

- प्रेमकृष्ण गुप्ता बल्लू, तेल कारोबारी।

त्योहार के ठीक पहले इस तरह के आदेश से अब तेलों की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। त्योहार के मौके पर खाद्य तेलों की बिक्री बढ़ती है। ज्यादा कीमत होने से उत्पादों की कीमत बढ़ जाती जो अब नियंत्रित रहेगी।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.