शारदीय नवरात्र प्रारम्भ की शुद्ध तिथि 10 अक्टूबर होगी और 18 अक्टूबर को नवमी होगी।
बरेली। सूर्योदय कालीन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्र प्रारम्भ अथवा घट स्थापना की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 10 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहे हैं । बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा ने अनुसार दो दिन तिथि व्याप्ति या अव्याप्ति की स्थिति में नवरात्र पहले ही दिन प्रारम्भ होते हैं। यदि प्रतिपदा सूर्योदय के पश्चात एक मुहुर्त पहले ही समाप्त हो रही है तो नवरात्र पहले ही दिन प्रारम्भ होते हैे। इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का प्रारम्भ 09 अक्टूबर मंगलवार को प्रातः 9:17 बजे पर हो रहा है। इस प्रकार यह उदय व्यापिनी न होकर अमायुक्त है, दूसरे दिन 10 अक्टूबर बुधवार को प्रतिपदा प्रातः 07:26 बजे तक है अतः 10 अक्टूबर बुधवार को 6:38 बजे से पूर्व सूर्योदय होने पर शारदीय नवरात्र प्रारम्भ की शुद्ध तिथि 10 अक्टूबर होगी और 18 अक्टूबर को नवमी होगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
10 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि प्रातः 7:26 बजे तक ही है और इस अवधि में चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग भी है। शास्त्रों के अनुसार चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग के आद्य चर्तुथान्श रहित समय में नवरात्र घट स्थापना की जा सकती है। 10 अक्टूबर को सूर्योदय से प्रातः काल 07:26 बजे तक घट स्थापना करना उचित रहेगा। प्रातः सूर्योदय से प्रातः 07:26 बजे तक द्विस्वाभाव लग्न एवं लाभ, अमृत का चैघड़िया के साथ अमृत योग भी प्रातः 06:19 बजे से प्रातः 07:26 बजे तक मिल रहा है। अतः सूर्योदय से लेकर 06:56 बजे तक का श्रेृष्ठ मुहुर्त कलश स्थापन के लिए रहेगा। यदि जो व्यक्ति इस मुहुर्त में कलश स्थापना नही कर पाये तो वह प्रातः 10:39 बजे से अपराह्न 12:06 बजे तक शुभ के चैघड़िया मुहुर्त में कलश स्थापन कर सकते हैैै। परन्तु इसके तुरंत बाद राहू काल प्रारम्भ होने के कारण शुभ नही रहेगा।