विपक्ष ने मुद्दों को बनाया हथियार, भाजपा सरकार की उपलब्धियों की मान रही सबसे बड़ी ताकत

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RGA न्यूज़ 

अलीगढ़ चुनाव निकट आते ही विपक्ष के हाथ कोई न कोई मुद्दा आता जा रहा है इससे भुनाने के लिए भी विपक्ष के नेता सक्रिय हो जाते हैं। सपा कांग्रेस और बसपा के तेवर तल्ख हैं। मौका मिलते ही वह भाजपा पर हमलावर हो जाते हैं।

भाजपा ने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का काम किया।

अलीगढ़, चुनाव निकट आते ही विपक्ष के हाथ कोई न कोई मुद्दा आता जा रहा है, इससे भुनाने के लिए भी विपक्ष के नेता सक्रिय हो जाते हैं। सपा, कांग्रेस और बसपा के तेवर तल्ख हैं। मौका मिलते ही वह भाजपा पर हमलावर हो जाते हैं। लखीमपुर खीरी का मामला अभी शांत हुआ नहीं था कि आगरा के मामले ने जोर पकड़ लिया। विपक्ष इसपर भी धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनाने की तैयारी में है। वहीं, भाजपा नेता सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच में ले जाने का काम कर रहे हैं

कुछ घटनाओं ने प्रदेश सरकार के सामने मुसीबतें खड़ी की 

भाजपा ने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का काम किया। सबसे बड़ी उपलब्धि अपराधियों पर लगाम लगाने की रही है, इसलिए प्रदेश में आएदिन होने वाली चेन स्नेचिंग, चोरी आदि की घटनाओं पर रोक लगी है। वहीं, सरकारी योजनाओं का लाभ सामान्य रुप से प्रत्येक वर्ग को पहुंचाने का काम किया है। सरकारी आवास, शौचालय निर्माण आदि के कार्य में भाजपा ने भेदभाव नहीं किया, मगर साढ़े चार वर्ष के बाद प्रदेश में कुछ घटनाओं ने भाजपा के सामने मुसीबतें खड़ी करने का काम किया है, जिसे विपक्ष लपकने में पीछे नहीं है। पिछले महीने गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई से हुई मौत के मामले ने पूरे देश में तूल पकड़ लिया था। इसपर विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सरकार को घेरने का काम किया। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाने का काम किया। जिससे विपक्ष इसे बड़ा मुद्ददा नहीं बना सका।

हाल फिलहाल में लखीमपुर प्रकरण बना मुसीबत

अभी कुछ दिन पहले लखीमपुर खीरी प्रकरण ने भाजपा के सामने मुसीबत खड़ी कर दी। हालांकि, सरकार के सख्त रुख से बड़ी घटना होते टल गई, वरना जिस प्रकार से जीप ने किसानों को रौंदा था, उसके बाद बड़ा बवाल हो सकता था, पूरे प्रदेश में स्थिति बेकाबू हो सकती थी। कम से कम लखीमपुर खीरी में बवाल बढ़ सकता था। विपक्ष ने इसे जरूर तूल देने का काम किया। इस मामले को जनआंदोलन के रुप में तैयारी की, मगर भाजपा ने किसी तरह डैमेज कंट्रोल कर लिया। वहां से कुछ राहत मिल रही थी तो आगरा में पुलिस की हिरासत में सफाई कर्मी अरुण की मौत ने एक बार फिर मामला गंभीर कर दिया। इसपर विपक्ष सक्रिय हो गया। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा आगरा पहुंच गईं

सोशल मीडिया का सहारा

वहीं, सपा और बसपा ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भाजपा पर वार करना शुरू कर दिया है। वह प्रदेश में सरकारी तंत्र के फेल होने की बात कह रहे हैं। उनका आरोप है कि गोरखपुर में मनीष गुप्ता की हत्या के बाद भी पुलिस पर लगाम नहीं लग रहा है, पुलिस मारपीट पर उतारू रहती है, ऐसी स्थिति में कैसे कहा जा सकता है कि प्रदेश में सबकुछ ठीक चल रहा है। वहीं, भाजपा इन घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण मान रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि ये घटनाएं दुखद हैं। मगर, विपक्ष इन्हें मुद्दा बनाकर माहौल को खराब करना चाह रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। भाजपा ने साढ़े चार साल में प्रदेश में जो कार्य कराएं हैं वह हमारी सबसे बड़ी ताकत है, उसे लेकर हम जनता के बीच में जा रहे हैं, जनता का आशीर्वाद भी मिल रहा है।

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