RGA News जम्मू
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मेें तीन कश्मीरी युवाओं के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने की अपील की। शुक्रवार को भारत के खिलाफ नारेबाजी करने पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने कार्रवाई की और तीन कश्मीरी युवाओें को भारत के खिलाफ नारेबाजी करने पर हिरासत में लिया। कश्मीर में वानी की मौत के बाद उसके लिए प्रार्थना करने के दौरान नारेबाजी की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वानी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहा था। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर ने ही वानी की प्रार्थना समारोह का आयोजन किया और बताया कि प्रार्थना समारोह पर प्रॉक्टर की पूरी नजर थी। उदासीनता के माहौल में प्रॉक्टर मौके पर मौजूद था और उसकी देखरेख में ही प्रार्थना सभा हुई। मीडिया में इस सूचना को साझा किया गया। छात्रों को सस्पेंड किया गया, जो गलत है। कश्मीरी छात्रों को बदनाम किया गया है। छात्रों ने भी बैठक की और अपनी डिग्रियां सरेंडर करने की घोषणा की है। हालात सामान्य नहीं हैं। अगर तीन छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया तो 17 अक्तूबर को सर सैयद दिवस पर जम्मू कश्मीर के छात्र कैंपस को छोड़ देंगे।
वहीं, सीपीआईएम नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने भी मन्नान यूसुफ वानी के बाद राज्य से बाहर कश्मीरी छात्रों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। कुलगाम के विधायक तारीगामी ने कहा कि कश्मीरी युवाओं को तंग किया जा रहा है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को कश्मीरी युवाओं को संरक्षण सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।