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बरेली। पति की लम्बी आयु के लिए प्रति वर्ष किया जाने वाला सुहागिनों का मुख्य व्रत-पर्व करवा चौथ इस बार २७ अक्टूबर यानी शनिवार को है। करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। व्रत की तैयारियों में लगी सुहागिनों के कारण आज बाजारों में भारी भीड़ देखी जा रही है। अनेक स्थानों पर सुहागिन स्त्रियाँ अपने हाथों में मनपसंद मेंहदी लगवा रही हैं। इसके अलावा चूडिय़ों एवं सौन्दर्य प्रसाधनों की दुकानों पर भी काफी भीड़-भाड़ है।
पण्डित जनार्दन पाण्डेय बताते हैं कि सालों बाद इस बार करवाचौथ सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होगा। करवाचौथ में चन्द्रमा रोहिणी नक्षत्र का होगा,जिससे व्रती महिलाओं को विशेष फल प्राप्ति का संयोग बनता है। इसके साथ ही यह संयोग महिलाओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि इस व्रत का विशेष महत्व है। हिन्दू कलैंडर के हिसाब से करवाचौथ कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवाचौथ व्रत पति अपने पति के लंबी आयु के लिए रहती है। हिन्दू धर्म में पति पत्नि का नाता सात जन्मों तक माना जाता है। व्रत में विवाहित महिलाएं पूरा श्रंगार कर गहने आदि पहन कर शिव, शिवा, गणेश व मंगल ग्रह के स्वामी देवसेनापति कार्तिकेय की पूजा करती हैं। इसके पश्चात चन्द्रमा को देखकर अपना व्रत तोड़ती है। महिलाएं छलनी से चांद को देखने के साथ साथ पति का चेहरा भी देखती है। पति इसके बाद पत्नि को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाता है।
मेहंदी लगवाने के लिए घंटों करना पड़ा इंतजार
बाजार में जगह-जगह मेंहदी लगवाने के लिए जगह जगह सुहागिनों की लाइन लगी रही। मेंहदी लगाने का सामान्य रेट ३०० रुपये है। यदि दोनों हाथों में मेंहदी लगवानी हो तो ५०० रुपये ही खर्च करने होंगे। बाजू तक मेंहदी लगवाने वाली महिलाओं को २००० रुपये देने पड़ रहे हैं।