उत्‍तराखंड में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फिर विवादों में, जानिए क्‍या है मामला

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हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षा की नियुक्ति के मामले में विज्ञान श्रेणी के अन्य पदों को जंतु विज्ञान वनस्पति व रसायन विज्ञान श्रेणी में समाहित करने को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए ह

उत्‍तराखंड में प्राथमिक शिक्षा सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया फिर विवादों में, जानिए क्‍या है मामला

 नैनीताल : हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षा की नियुक्ति के मामले में विज्ञान श्रेणी के अन्य पदों को जंतु विज्ञान, वनस्पति व रसायन विज्ञान श्रेणी में समाहित करने को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इधर, मामला अदालत में आने के बाद शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति पत्र थमा दिया।

रानीखेत अल्मोड़ा निवासी कैलाश चंद्र ने याचिका दायर कर कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा इन दिनों प्राथमिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों की चयन प्रक्रिया फाइनल की जा रही है। चयन सूची जारी हो चुकी है। विभाग ने कुल ढाई हजार से अधिक पदों के लिए विज्ञान व कला वर्ग की श्रेणी बनाई है। विज्ञान वर्ग श्रेणी के तहत पहली उपश्रेणी में जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान व रसायन यानी जेडबीसी दूसरी उप श्रेणी में भौतिकी, रसायन व गणित यानी पीसीएम तथा तीसरी उप श्रेणी अन्य विज्ञान (अदर साइंस) की बनाई है। इसमें क्रमश: 40, 40 व 20 प्रतिशत का कोटा निर्धारित है।

सात अक्टूबर को प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी कर अन्य विज्ञान की श्रेणी के अभ्यर्थियों की संख्या कम होने का हवाला देेते हुए उन पदों को जेडबीसी (जूलोजी, कमेस्‍ट्री और बाटनी) में मर्ज कर दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाने के बाद चयन सूची बदल दी गई और अन्य विज्ञान श्रेणी का कोटा ही खत्म कर दिया। बिना नियमावली में संशोधन के इस तरह का आदेश जारी करना नियम विरुद्ध है। सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।

याचिकाकर्ता को दे दिया नियुक्ति पत्र

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद तिवारी ने बताया कि अदालत में मामला आने के बाद विभाग में खलबली मच गई। याचिककर्ता कैलाश को नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। उसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अंतर्गत दस प्रतिशत आरक्षित पद पर नियुक्ति दी गई है।

 

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