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RGA News पटना
पटना पुलिस लाइन में दो दिन पहले हुए उपद्रव के मामले में 175 पुलिस प्रशिक्षुओं तथा 10 सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा 23 सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। 93 पुलिसकर्मियों का जोन बदल का निर्णय किया गया है। एक महिला सिपाही की डेंगू से मौत के बाद ज्यादती का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशिक्षुओं ने पुलिस लाइन में कई वरिष्ठ अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था तथा जबर्दस्त तोड़फोड़ की थी। दो पुलिस अधिकारियों के आवास में घुसकर तोड़फोड़ और परिवारवालों से मारपीट की गई थी। रविवार को मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की गई है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को साथी महिला सिपाही सविता कुमारी पाठक की मौत से नाराज महिला व पुरुष रंगरूटों ने पटना के लोदीपुर पुलिस लाइन में जमकर बवाल किया था। गुस्साए रंगरूटों ने एसपी ग्रामीण, लाइन डीएसपी समेत कई थानेदारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। यही नहीं, पुलिस लाइन में जमकर तोड़फोड़ की थी और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर पलट दिया गया था।
दरअसल, साथी रंगरूटों ने आरोप लगाया कि डेंगू होने के बावजूद सीवान निवासी सविता कुमारी पाठक को छुट्टी नहीं दी गई। बीमारी में भी ड्यूटी कराई गई, जिससे उसकी मौत हो गई। यही आरोप लगाकर आक्रोशित महिला रंगरूटों ने सबसे पहले पुलिस लाइन के डीएसपी मो. मसलेहउद्दीन को टारगेट किया। सभी उनके घर में घुसकर हंगामा करने लगे। यह देख लाइन डीएसपी अपने दफ्तर में गए और सिपाहियों को समझाने की कोशिश की।
अभी वे दफ्तर में ही थे तभी सैकड़ों रंगरूट वहां आ धमके और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी। कार्यालय में रखे टीवी, फर्नीचर और शीशे तोड़ डाले। यह देख लाइन डीएसपी पीछे हटने लगे, लेकिन सिपाहियों ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडे पीटने लगे। बीचबचाव में लाइन डीएसपी के बॉडीगार्ड उमेश व अन्य लोग भी जख्मी हो गए। डीएसपी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। इसके बाद रंगरूट लाइन स्थित सार्जेंट मेजर आशीष सिंह के घर में घुस गए और तोड़फोड़ की। साथ ही उनके परिजनों से भी अभद्रता की। इसके अलावा कैंपस में खड़ीं आठ गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।