दो पार्षदों से गली की पहचान, गंदगी देख हर कोई हैरान

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RGA news

यदि किसी क्षेत्र का कोई रहनुमा न हो तो वहां की बदहाली की बात समझ में आती है मगर रावणटीला स्थित संजय गांधी कालोनी में दो पार्षदों का क्षेत्र हैं इसके बाद भी यहां की गलियां गंदगी से अटी पड़ी हैं। गंदे पानी से बजबजा रही ह

यहां के लोगों का कहना है कि सफाईकर्मी यहां आते ही नहीं हैं।

 अलीगढ़,। यदि किसी क्षेत्र का कोई रहनुमा न हो तो वहां की बदहाली की बात समझ में आती है, मगर रावणटीला स्थित संजय गांधी कालोनी में दो पार्षदों का क्षेत्र हैं, इसके बाद भी यहां की गलियां गंदगी से अटी पड़ी हैं। गंदे पानी से बजबजा रही हैं। घरों से लोगों का निकलना बंद हो गया है। पार्षद यदि एक-एक गली की भी चिंता कर लें तो गंदगी कहीं न दिखाई दें, मगर उन्हें  चिंता नहीं और नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में संजय गांधी कालोनी के लोग नरक भरी जिंदंगी जीने को मजबूर हैं।

यह है मामला

रावणटीला स्थित चौहान दूध भंडार के निकट तीन गलियां निकल रही हैं। इस गली के ठीक पीछे पार्षद प्रीति शर्मा का घर है। करीब दो किमी दूरी पर पार्षद अनिल सेंगर का भी घर है। कालोनी की कुछ गलियां दोनों पार्षदों के क्षेत्र में आती हैं। पार्षद प्रीति शर्मा को एकदम निकट रहती हैं। यहां की तीनों गलियां गंदे पानी से उफान मार रही हैं। पानी निकासी का कोई रास्ता न होने से यहां की नालियां बजबजाती रहती है। यहां के लोगों का कहना है कि सफाईकर्मी यहां आते ही नहीं हैं। नगर निगम के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया, मगर उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। सफाई निरीक्षक तो खुद स्थानीय लोगों पर भड़क उठते हैं। गंदगी के चलते बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो गया है। वह अधिकांश समय घरों में रहते हैं।

पार्षद बोले

पानी की निकासी का रास्ता न होने से करीब डेढ़ साल से समस्या बनी हुई थी, मगर नाले और सड़क का टेंडर हो गया है। एक-दो दिन में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जल्द ही लोगों को गंदगी से निजात मिलेगी। बहरहाल, अभी की गंदगी है तो सोमवार को सफाईकर्मियों से गली साफ कराई ज

अनिल सेंगर, पार्षद वार्ड 4

मेरा घर गली के एकदम करीब है, मगर वो मेरा क्षेत्र नहीं पड़ता है। इसके बाद भी मैं एक-दो बार वहां गई हूं। वहां नाले का निर्माण शीघ्र होगा, जिससे समस्या से निजात मिल जाएगी

प्रीति शर्मा, पार्षद वार्ड 45

पब्लिक बोल

गंदगी की समस्या को लेकर अपर आयुक्त से लेकर नगर आयुक्त तक से मिल चुके हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। कम से कम एक हफ्ते में भी सफाईकर्मी एक बार आ जाते तो बहुत राहत मिलती।

त्रिभुवन झा

बजबजाती नालियां देख अब तो रिश्तेदारों ने भी आना बंद कर दिया। तमाम लोग तो गंदगी देखकर लौट जाते हैं। नगर निगम के अधिकारियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता 

हेमेंद्र शर्मा

डेढ़ साल से हम लोग नरक की ङ्क्षजदगी जी रहे हैं। बजबजाती नालियों से इतनी बदबू उठती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बदबू के चलते सिर में दर्द होने लगा है।

राजीव शर्मा

पार्षदों को भी हमारी कोई चिंता नहीं, वरना मजबूती से यहां की गंदगी की बात अधिकारियों के सामने रखते तो कैसे सफाई कर्मी यहां नहीं आते। नाली बनने में तो अभी समय लग जाएगा।

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