आगरा में गृह मंत्री से शिकायत के बाद दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा, जानिए क्या है मामला

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Murder in Agra न्यू आगरा निवासी जूता फैक्ट्री में एकाउंटेंट का जुलाई में यमुना में मिला था शव। स्वजन ने दोस्तों पर लगाया था हत्या का आरोप। पुलिस के कार्रवाई न करने पर मां ने मुख्यमंत्री गृह मंत्री व केंद्रीय विधि व न्याय राज्य मंत्री से की थी शिका

जूता फैक्ट्री में एकाउंटेंट शशांक मिश्रा का फाइल।

आगरा,। यमुना में पांच महीने मिले जूता फैक्ट्री में एकाउंटेंट के शव के मामले में गृह मंत्री से शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज हो सका। स्वजन एकाउंटेंट के दोस्ताें पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं।वहीं, पुलिस इसे हादसा मान रही थी। थाने और अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई न होने पर स्वजन ने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री व केंद्रीय विधि व न्याय राज्य मंत्री से शिकायत की। जिसके बाद न्यू आगरा थाने में आरोपितों के खिलाफ मुक

न्यू आगरा के सरला बाग एक्सटेंशन निवासी शशांक मिश्रा हाईवे स्थित एक जूता फैक्ट्री में एकाउंटेंट थे। उनकी उम्र करीब 32 साल थी। भाई आलोक मिश्रा के अनुसार 25 जुलाई को घर से सब्जी खरीदने निकला था। उसने शशांक को उसके दोस्त शुभम चौधरी के साथ जाते देखा था। कई घंटे बाद वह नहीं आया तो स्वजन ने फाेन पर संपर्क करने का प्रयास किया, वह बंद था। भाई आलोक मिश्रा के अनुसार शशांक का सुराग नहीं मिलने पर 28 जुलाई को न्यू आगरा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी।

भाई आलोक ने बताया उसने शशांक के दोस्तों शुभम और कर्मजीत से कई बार जानकारी की। दोनों अनभिज्ञता जताते रहे।इसी दौरान 29 जुलाई को एत्माद्दौला इलाके में यमुना में मिले अज्ञात शव का पता चलने पर वह पोस्टमार्टम गृह गए। शव क्षत- विक्षत होने से पहली बार में उसे पहचान नहीं सके। उन्होंने पुलिस को शशांक के साथ शुभम, कर्मजीत,चिरागउद्दीन व तन्मय कार में एक साथ होने के साक्ष्य दिए। पुलिस ने चारों से पूछताछ की। आरोपितो ने इंस्पेक्टर भूपेंद्र बालियान को बताया कि शशांक समेत सभी लोग कैलाश घाट पर नहाने गए थे। वहां चिरागउद्दीन और शशांक डूबने लगे। उन्होंने चिरागउद्दीन को बचा लिया, लेकिन शशांक डूब गया।वह डरकर चले आए। इसकी जानकारी किसी को नहीं दी

स्वजन ने एक अगस्त को शव की पहचान शशांक के रूप में की। मां पुष्पा देवी और भाई आलोक का आरोप है कि शशांक से शुभम को 45 हजार रुपये उधार लिए थे। आरोपित अब रकम नहीं लौटा रहा था। उसने दोस्तों के साथ मिलकर साजिश के तहत शशांक को पानी में डुबाकर मार दिया। इंस्पेक्टर भूपेंद्र बालियान ने बताया कि मामले में शुभम चौधरी, कर्मजीत, चिरागउद्दीन व तन्मय के खिलाफ हत्या एवं साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।विवेचना की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी

पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर स्वजन ने उठाए सवाल, सीओ ने की जांच

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से शिकायत के बाद के बाद स्वजन ने इस साल अगस्त में केंद्रीय विधि व न्याय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल से मिले। उन्होंने एसपी सिटी को मामले की जांच के निर्देश दिए। एसपी सिटी ने सीओ हरीपर्वत लखन को जांच सौंपी। स्वजन ने पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सीओ को प्रस्तुत किया। नदी में मिले अज्ञात शव जिसकी शिनाख्त शशांक के रूप में की गई, उसके पंचनामा में गले में चोट का निशान दर्शाया था। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई बाहरी चोट का निशान नहीं पाया जाना लिखा था। आरोपितों के साथ कार में शशांक के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध कराए। जिसके बाद सीओ ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए। 

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