मेरठ कालेज में शोध छात्र रहे थे सीडीएस बिपिन रावत, प्रिय शिष्‍य के निधन पर स्‍तब्‍ध प्रोफेसर हरवीर शर्मा

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RGA news

General Bipin Rawat जनरल बिपिन रावत का मेरठ के साथ गहरा नाता रहा है। जनरल रावत ने मेरठ कालेज से पीएचडी की थी। देश के पहले सीडीएस जनरल रावत सैन्य रणनीति में प्रमुख भूमिका निभाने के साथ पढ़ाई में भी अव्वल रहे

मेरठ में 'मिलिट्री मीडिया स्ट्रेटजिक स्टडीज' पर की थी पीएचडी।

मेरठ, । General Bipin Rawat चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के हादसे में निधन की सूचना से मेरठ कालेज में शोक छाया है। जनरल रावत ने मेरठ कालेज से पीएचडी की थी। देश के पहले सीडीएस जनरल रावत सैन्य रणनीति में प्रमुख भूमिका निभाने के साथ पढ़ाई में भी अव्वल रहे। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विवि से जुड़े मेरठ कालेज के रक्षा अध्ययन विभाग से वर्ष 2011 में 'मिलिट्री मीडिया स्ट्रेटजिक स्टडीज' विषय पर पीएचडी की थी। उस समय वह आर्मी में मेजर जनरल थे। उनके सुपरवाइजर प्रो. हरवीर शर्मा रहे। सैन्य गतिविधियों में व्यस्तता के बाद भी अच्छे शोधार्थी के रूप में उन्होंने शोध कार्य पूरा किया था

प्रिय शिष्य के निधन से गुरु हरवीर शर्मा स्तब्ध

मेरठ कालेज से रिटायर्ड 81 वर्षीय प्रो. हरवीर शर्मा अपने प्रिय शिष्य के निधन की सूचना से स्तब्ध और दुखी हैं। सीडीएस बनने पर जनरल रावत ने प्रो. हरवीर शर्मा को लिखे पत्र में उनका शिष्य होने पर खुद को भाग्यशाली बताया था। वह बताते हैं कि शोध के समय जनरल रावत मेरठ कालेज आए थे। दो बार मानसरोवर स्थित उनके घर भी गए थे। आर्मी चीफ बनने के बाद वह उनके आमंत्रण पर उनसे मिलने दिल्ली गए थे। सीडीएस बनने के बाद भी अक्सर फोन पर जनरल रावत से उनकी बातचीत होती थी। जनरल रावत का सेना में बहुत बड़ा योगदान रहा है। ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति के इस तरह जाने से देश को बड़ी क्षति हूई है।

काश यह सच नहीं होता

हेलीकाप्टर क्रैश की सूचना मिलने के बाद प्रो. हरवीर शर्मा अपने प्रिय शिष्य की सलामती के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे थे। टीवी पर उनके निधन की सूचना पर उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था। वह बार-बार कह रहे थे कि-काश यह सच नहीं होता।

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