पशुपालकों के बनेंगे क्रेडिट कार्ड, ऐसे मिलेगा क्रेडिट कार्ड का लाभ, जानिए विस्‍तार से

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अकराबाद में सरकार द्वारा पशुपालकों को पशुपालन के लिए क्रेडिट कार्ड दिये जाने की जानकारी पर स्थानीय पशु चिकित्सालय पर पशुपालन करने वाले महिला पुरुषों की भीड़ दिखाई दी। गुरुवार को जहां तमाम लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फार्म जमा किये

लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फार्म जमा किये है

अलीगढ़,। अकराबाद में सरकार द्वारा  पशुपालकों को पशुपालन के लिए क्रेडिट कार्ड दिये जाने की जानकारी पर स्थानीय पशु चिकित्सालय पर पशुपालन करने वाले महिला पुरुषों की भीड़ दिखाई दी। गुरुवार को जहां तमाम लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फार्म जमा किये हैं।

ऐसे लें लाभ

पशु चिकित्साधिकारी अकराबाद डा. प्रतिभा यादव ने बताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए इन दिनों अभियान चलाया जा रहा है। जिससे पशु पालन करने वाले पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया जा सके। उन्होंने बताया,  इस योजना के अंतर्गत गाय, भैंस, बकरी, सूअर, मुर्गी, डेरी एवं अन्य पशुओं का पालन करने वाले पशुपालकों को 1 लाख 60 हजार तक के किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिल सकेगी। इस योजना के अंतर्गत क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसी गारंटर अथवा प्रमाण पत्र  अथवा जमीन की भी आवश्यकता नहीं है। पशुपालक को केवल पशु  पालन कार्य करना पर्याप्त है। वहीं केसीसी कार्ड धारक पशु संख्या के हिसाब से अपनी क्रेडिट लिमिट भी बढ़वा सकते हैं। लाभार्थी यह सुविधा अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय एवं बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा 15 नवंबर 21 से 15 फरवरी 2022 तक  जारी रहे

ड्राप आउट बच्चों का चयन कर उनको दी जाएगी

अलीगढ़। जिले में आउट आफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। इनके साथ ही ड्राप आउट विद्यार्थियों की सूची भी तैयार की जाएगी। फिर इनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्कूल में विशेष प्रशिक्षण केंद्र में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया है।अकादमिक रिसोर्स पर्सन हर ब्लाक से आउट आफ स्कूल व ड्राप आउट बच्चों को चिह्नित कर सूची तैयार करेंगे। फिर इनकाे विशेष शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराकर प्रशिक्षण केंद्र में तैयारी कराई जाएगी। इसके बाद इन बच्चों का बेसलाइन एसेसमेंट (प्रारंभिक परीक्षण) किया जाएगा। इसके परिणाम के आधार पर सरकारी स्कूलों में बच्चों को कक्षाएं आवंटित की जाएंगी। ये काम एआरपी करेंगे। इसके लिए एआरपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया है। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि हर ब्लाक से दो-दो एआरपी प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे हैं। जिले में आउट आफ स्कूल व ड्राप आउट बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ये सारी प्रक्रियाएं की जा रही हैं

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