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बदायूं में सोत नदी की जमीन पर बने अवैध बारातघर के ध्वस्त होने से बरेली में नहरों की जमीन आजाद होने की उम्मीद जगी है। सिंचाई मंत्री की नसीहत के बाद प्रशासन एक्शन में है। डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अपनी जमीनों से अभियान चलाकर अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। अभियान के दौरान डीएम सिंचाई विभाग को पुलिस फोर्स और मजिस्टे्रट मुहैया कराएंगे। जमीन कब्जाने वालों के खिलाफ सिंचाई विभाग को मुकदमा भी दर्ज कराना होगा।
करीब डेढ साल से नहरों की जमीन को अवैध कब्जों से आजाद कराने के लिए अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है। मगर सिंचाई विभाग की लापरवाही से अभी तक बरेली में नहरों की जमीन को मुक्त कराने के लिए मुहिम नहीं चली। सिंचाई विभाग ने नहरों पर कब्जा करने वाले 20 दबंगों की सूची थमाकर खानापूर्ति कर डाली। इसके आगे सिंचाई विभाग की मुहिम आगे नहीं बढ़ी। जबकि बरेली में 82 नहरों पर 815 अवैध कब्जे हैं । नहर और नदियों की जमीन से अवैध कब्जाने के लिए बड़ा अभियान बदायूं में चला। सोत नदी की जमीन से एक राजनेता का बारातघर धराशायी कर दिया। सिंचाई मंत्री ने बरेली में ऐसा ही अभियान चलाने को कहा है। बरेली में रुहेलखण्ड नहर, शारदा नहर, बाढ़ खण्ड, बदायूं सिंचाई परियोजना, सिंचाई कार्यालय, नलकूप खंड प्रथम, नलकूप खंड द्वितीय के जरिए सिंचाई की जाती है। बरेली में सिंचाई विभाग की छोटी-बड़ी 1087 नहरें हैं। ये नहरें 4024 हेक्टेयर जमीन से गुजर रहीं हैं। शहर से लेकर देहात तक नहरों की जमीन पर अवैध कब्जे हैं। सिंचाई विभाग ने बरेली में नहर की जमीनों को आजाद करने के लिए अभियान नहीं चलाया। हर बार पुलिस फोर्स और मजिस्टे्रट न मिलने का बहाना बनाकर अभियान ने कदम पीछे खींच लिए। इस बार डीएम ने खुद मॉनीटरिंग करने का फैसला किया है।
सिंचाई विभाग कराएगा एफआईआर : नहर की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सिंचाई विभाग को एफआईआर दर्ज करानी होगी। भूमाफिया पर न करने की स्थिति में प्रशासन सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजेगा।
बरेली में छह किमी लंबी नहरें लापता हो गईं। नहरों की जमीनों की बारात घर, होटल और पॉश कालोनियां बसा दी गईं। सिंचाई विभाग ने कब्जा करने वालों को सिर्फ नोटिस देकर औचारिकता पूरी कर डाली।
डीएम वीरेंद्र सिंह ने बताया कि नहरों की जमीन से कब्जा हटाने के लिए ऑपरेशन चलाया जाएगा। ऑपरेशन सिंचाई विभाग चलाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पुलिस फोर्स और मजिस्ट्रेट मुहैया कराए जाएंगे। जमीन कब्जाने वालों पर सिंचाई अधिकारी मुकदमा दर्ज कराएंगे। जमीन कब्जाने वालों की लिस्ट मांगी है।