आगरा में RAF टैगिंग में एक करोड़ फूंके, नहीं लग रही हाजिरी

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Door to Door Garbage Collection डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में फर्जीवाड़ा रोकने का था प्रयास। 3.15 लाख में दो लाख भवनों में प्लेट लगाने का दावा। दो साल पूर्व नगर निगम प्रशासन ने तीन करोड़ रुपये से स्मार्ट तरीके से कर्मचारियों की हाजिरी का प्रस्ताव तैयार किय

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में फर्जीवाड़ा रोकने का था प्रयास।

आगरा, । नगर निगम प्रशासन ने रेडियो फ्रीक्वैंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएएफ) टैगिंग में एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए लेकिन अभी तक सफाई कर्मचारियों की हाजिरी लगना शुरू नहीं हुई है। आरएएफ टैगिंग से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में फर्जीवाड़ा रोकने का प्रयास था। सौ वार्डों में 3.15 लाख भवन हैं जिसमें दो लाख भवनों में प्लेट लग चुकी है। 300 हैंड हेल्ड डिवाइस की खरीद भी हो गई है।

दो साल पूर्व नगर निगम प्रशासन ने तीन करोड़ रुपये से स्मार्ट तरीके से कर्मचारियों की हाजिरी का प्रस्ताव तैयार किया था। निजी कंपनी को प्रत्येक भवन में कार्ड रीडर प्लेट लगाने का जिम्मा दिया गया था। यह कार्य धीमी गति से शरू हुआ। जिन भवनों में प्लेट लग भी गई। वह उखड़ गई या फिर टूटकर गिर पड़ी। पार्षद बंटी माहौर ने बताया कि आरएएफ टैगिंग का प्रस्ताव अच्छा था लेकिन इसे ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया। पार्षद महेश कुमार ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की हाजिरी स्मार्ट तरीके से नहीं लग र

15 से निजी कंपनी करेगी कूड़ा कलेक्

नगरायुक्त निखिल टीकाराम ने बताया कि निजी कंपनी स्वच्छता कारपोरेशन 15 दिसंबर से हरीपर्वत जोन के दो दर्जन वार्डों में कूड़ा कलेक्शन शुरू करेगी जबकि नगर निगम की टीम नालियों की सफाई करेगी। टीम द्वारा सौ से अधिक वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में भवन स्वामियों से यूजर चार्ज नहीं लिया जाएगा। तीन से पांच माह बाद निगम प्रशासन यूजर चार्ज की वसूली शुरू करेगा। हरीपर्वत के बाद छत्ता, लोहामंडी और ताजगंज जोन के सभी वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू किया जाएगा। 

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