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RGAन्यूज़
जनवरी में बढ़ेगी संख्या आइयूसीएन की सूची में शामिल है 29 प्रजातियां। संकटग्रस्त (नीयर थ्रेटेन्डेड) ब्लैक-हेडेड आईबिस रिवर लेपविंग ओरिएंटल डार्टर डालमेशन पेलिकन और ब्लैक-नेक्ड स्टार्क भी सेंचुरियों में दिसंबर में पहुंच गए हैं। प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशियन देशों से आते ह
कीठम झील में कलरव करते दुर्लभ प्रजाति के पक्षी।
आगरा। गंभीर संकटग्रस्त (एनडेन्जर्ड) में शामिल प्रवासी पक्षी इंडियन स्कीमर, ब्लैक-बेल्ट टर्न और जनसंख्या में गिरने वाला (क्रिटिकल एनडेन्जर्ड) पक्षी इजिप्शियन वल्चर आगरा और आसपास के सेंचुरी में पहुंच चुके हैं। इंटरनेशनल यूनियन फार कंजर्वेेशन आफ नेचर(आइयूसीएन) की सूची में शामिल दुलर्भ प्रजातियों के पक्षियों ने जोधपुर झाल, रामसर साइट कीठम बर्ड सेंचुरी, ग्वालियर रोड और चंबल सेंचुरी में बसेरा कर लिया है। पक्षी वैज्ञानिकों का दावा है कि जनवरी में इनकी संख्या में काफी वृद्धि होगी।
आगरा और आसपास की सेंचुरी में अक्टूबर से ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। साइबेरिया, यूरोपीय देशों से लेकर मंगौलिया और हिमालयन तक से हजारों की संख्या में पक्षी यहां आते हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह तक इन सेंचुरियों में पक्षियों का कलरव रहता है। इस साल आइयूसीएन की सूची में शामिल कुछ दुर्लभ पक्षी भी इन सेंचुरियों में देखे गए हैं।पक्षी वैज्ञानिक डा. केपी सिंह ने बताया कि लुप्तप्राय पक्षी (वल्नरेबिल) सारस क्रेन, ग्रेटर-स्पोटिड ईगल, रिवर टर्न कीठम व जोधपुर झाल पर देखे गए हैं, जबकि संकटग्रस्त (नीयर थ्रेटेन्डेड) ब्लैक-हेडेड आईबिस, रिवर लेपविंग, ओरिएंटल डार्टर, डालमेशन पेलिकन और ब्लैक-नेक्ड स्टार्क भी सेंचुरियों में दिसंबर में पहुंच गए हैं। संकटग्रस्त पक्षियों की सूची में शामिल 29 प्रजातियों के पक्षी यहां दिख रहे हैं। जनवरी के महीने में इन पक्षियों की संख्या में इजाफा होने की सं
पक्षी वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशियन देशों से आते हैं। सेंट्रल एशियाई फ्लाई-वे में भौगोलिक रूप से उत्तर, मध्य और दक्षिण एशिया और ट्रांस-काकेशस के 30 देश आते हैं। इनमें मध्य एशियाई व यूरोपीय देश भी शामिल हैं। इन्हीं हिस्सों से लगभग 182 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं।