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सर्द मौसम में बेघर-बेसहारा लाेगों को रैन बसेरों में आश्रय देने के शासन के आदेश हैं। नगर निगम के शहर में तीन स्थाई रैन बसेरे बने हुए हैं। ठंड बढ़ रही है इसके बाद भी रैन बसेरे खाली रहते हैं। ज्यादातर लोगों को रैन बसेरों की जानकारी नहीं है
बेघर, बेसहारा लोगों को नगर निगम के रैन बसेरों में पहुंचाया जा रहा है।
अलीगढ़,। सर्द मौसम में ठिठुरते हुए फुटपाथ पर रात बिता रहे बेघर, बेसहारा लोगों को नगर निगम के रैन बसेरों में पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए दो वाहन लगाए गए हैं। दैनिक जागरण में मंगलवार को मौजूदा हालात बयां करती खबर का संज्ञान लेकर निगम अधिकारी भी मौका मुआयना करने रात में निकल गए। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने स्थाई रैन बसेरों में व्यवस्थाएं देखीं। खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने के सख्त आदेश दिए हैं
रैन बसेरा आश्रय बनाने के आदेश
सर्द मौसम में बेघर-बेसहारा लाेगों को रैन बसेरों में आश्रय देने के शासन के आदेश हैं। नगर निगम के शहर में तीन स्थाई रैन बसेरे बने हुए हैं। ठंड बढ़ रही है, इसके बाद भी रैन बसेरे खाली रहते हैं। ज्यादातर लोगों को रैन बसेरों की जानकारी नहीं है। ऐसे में नगर निगम द्वारा इन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। साेमवार को जागरण टीम ने विभिन्न क्षेत्रों का रात में दौरा किया तो बेसहारा लोग फुटपाथ पर कंबल ओढ़े सर्द हवाओं से बचने की कोशिश करते दिखाई दिए। किसी ने दुकान की आड़ ले रखी थी तो कोई जर्जर पुलिस बूथ में शरण पाए थे। जबकि, निगम के रैन बसेरे खाली थी। इन हालातों को बयां करती खबर दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई। खबर का संज्ञान लेकर नगर आयुक्त अपनी टीम के साथ हालातों का जायजा लेने निकल गए।
शेल्टर होम की जिम्मेदारी
रैन बसेरों में व्यवस्थाएं देखीं, फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने के लिए दो वाहन लगाए गए हैं। रैन बसेरों में सभी सुविधाएं हैं। अस्थाई रैन बसेरों के टेंडर हो चुके हैं। जल्द ही ये स्थापित कराए जाएंगे। बेसहारा लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने के लिए 10 कर्मचारी, चार राजस्व निरीक्षक व प्रभारी शेल्टर होम को जिम्मेदारी दी गई है।